खरी-खरी

अयोध्या से कामिनी शाही आधुनिकता की चकाचौंध में खोए किशोरों में आपराधिक मनोवृत्ति बढ़ रही है। कम उम्र में अधिक पाने की चाहत में वे ऐसे कारनामों को अंजाम दे रहे हैं जिससे कोई भी...
Jan 08, 2015

चैतन्य नागर एक स्तर पर पीके बड़ी ही प्रतीकात्मक फिल्म है। सैमुएल टेलर कॉलरिज मानता था कि कपड़े झूठी सभ्यता का प्रतीक हैं। रूढ़ियों, परम्पराओं, अंधविश्वासों के रूप में हमने उन्हें धारण किया हुआ है।...
Jan 07, 2015

संजय जोशी 'सजग' हर साल कसमें  और वादों की रस्म निभाई जाती है नये साल का स्वागत तो हम कसमों  और वादों  से करते है और अक्सर ही कसमें   टूट जाती...
Jan 06, 2015

कृष्णदेव तुम तो बार-बार आते थे मेरे पास। मेरे आंगन पर रीझ गए थे। मंदिरों की घंटियों-घड़ियालों की मधुरिम ध्वनि, वेद ऋचाओं की गूंजती वाणी, सरयू की मचलती लहरे, तुम तो सब पर मोहित थे।...
Jan 06, 2015