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अमित शाह की उड़ान

खरी-खरी            Mar 10, 2016


ved-pratap-vaidikडॉ.वेद प्रताप वैदिक। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह का अहमदाबाद पहुंचने पर भव्य स्वागत तो होना ही था। दुबारा अध्यक्ष बनने के बाद यह उनकी पहली गुजरात-यात्रा थी। लेकिन शाह ने अपने स्वागत के जोश में बहकर जो कह दिया, उस पर देश और भाजपा को विचार करना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात तो भाजपाई विचारधारा की प्रयोगशाला है। गुजरात के मॉडल को सारे देश पर लागू करना है। अमित भाई से कोई पूछे कि आप कौन से मॉडल की बात कर रहे हैं? क्या गुजरात में लोगों ने शराब पीना बंद कर दिया है? क्या वे बीड़ी-सिगरेट भी नहीं पीते? क्या गुजरात में नेता और सरकारी कर्मचारी बिना रिश्वत के काम कर देते हैं? क्या गुजरात में लोग भूखे नहीं मरते? क्या गुजरात के हर नागरिक की आय 100 रु. रोज हो गई है? क्या गुजरात से गरीबी दूर हो गई है? क्या गुजरात का हर बच्चा शिक्षित होता है? क्या गुजरात में कोई भी चिकित्सा के अभाव में दम नहीं तोड़ता है? क्या गुजरात में अपराध-अत्याचार-बलात्कार समाप्त हो गए हैं? क्या गुजरात की जेलें खाली हो गई हैं? क्या गुजरात के हर नागरिक को पौष्टिक भोजन रोज़ नसीब हो जाता है? यदि हां तो आप जरुर गुजरात को अपना आदर्श बनाकर भारत को भी उसी स्वर्णिम मार्ग पर चलाइए। आपका हम स्वागत करेंगे। लेकिन अमित शाह शायद उस गुजरात के मॉडल की बात कर रहे हैं, जो उनके भाई नरेंद्र मोदी ने 2002 में खड़ा कर दिया था। तब मैंने लिखा था कि ‘गुजरात आला और भारत गेला’ याने अटलजी आप गुजरात तो पा जाएंगे लेकिन भारत आपके हाथ से निकल जाएगा। वे मुझसे सहमत थे। उन्होंने तभी इन शब्दों को कई बार दोहराया कि ‘गुजरात में राजधर्म का उल्लंघन हो रहा है।’ अमित शाह क्या इसे ही भाजपा की विचारधारा समझ रहे हैं? क्या वे पूरे भारत को वैसी प्रयोगशाला में बदल देना चाहते हैं? इसे भाजपा की विचारधारा कहने का अधिकार उन्हें किसने दे दिया है? यह भाजपा के लाखों देशभक्त कार्यकर्ताओं का अपमान है। इसी अहंकार के अंधकार में भाजपा को ‘मैं और मेरा भाई’ धकेले चले जा रहे हैं। इसी दम पर वे 2019 का चुनाव जीतने का दंभ प्रकट कर रहे हैं। गुजरात के स्थानीय चुनावों ने ‘दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी’ के सबसे महान नेताओं के भविष्य की इबारत दीवार पर लिख दी है। बिहार और दिल्ली की हार का मतलब दोनों ‘महान नेताओं’ को अभी तक समझ में नहीं आया है। अभी कुछ विधानसभाओं में जब अगले साल पटकनी खाएंगे, तब उन्हें पता चलेगा कि उनकी लहर कितनी तेजी से नीचे उतर रही है। अभी तो वे हवा में उड़ रहे हैं। उड़ते रहें। उन्हें कौन रोक सकता है? Website : www.vpvaidik.com


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