
 हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्विटर पर दुख जताया कि वे आहत हैं और उन्होंने गहरी संवेदना भी जताई है। विधानसभा अध्यक्ष का आश्वासन आया कि व्यवस्था सुधारी जायेगी। एक अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया गया है। लेकिन यहां मुद्दा यह है कि अगर मुख्यमंत्री थोड़ी सी संवेदना सहृदयता तत्काल मौके पर ही दिखा देते तो शायद उन्हें उस युवक की मृत्यु पर्यंत शोक संवेदना जाहिर नहीं करनी पड़ती और एक घर का चिराग संभवत: बुझने से बच जाता।
हालांकि बुधवार को विधानसभा में जब कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया। विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि आप इस मामले को राजनीतिक तूल न दें। घटना के प्रति संवेदनशालीता बनाएं रखना चाहिए और प्रयास होने चाहिए कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा के बाहर रखा जाए और एक्सीडेंट वाले पॉइंट्स में सुधार के बिंदुओं पर बात हो। इसके साथ ही दुर्घटना के दौरान लापरवाही बरतने के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंपी जाने की बात कही गई है।
अब यहां गौरतलब तथ्य यह है कि जांच होनी किस चीज की है जब सब कुछ साफ है? इन माननीयों की यही संवेदनशीलता तब कहां चली जाती है जब ये खुद वीआईपी बनकर अपना पूरा काफिला लेकर सड़कों से गुजरते हैं और चारों तरफ से ट्रैफिक रोककर जनता को परेशान किया जाता है।
जिस दिन हमारे देश के हुक्मरान जनता के प्रति ये जवाबदेही समझने लगेंगे जनता की बहुत सारी शिकायतें सरकारों से खत्म हो जायेंगी।
हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्विटर पर दुख जताया कि वे आहत हैं और उन्होंने गहरी संवेदना भी जताई है। विधानसभा अध्यक्ष का आश्वासन आया कि व्यवस्था सुधारी जायेगी। एक अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया गया है। लेकिन यहां मुद्दा यह है कि अगर मुख्यमंत्री थोड़ी सी संवेदना सहृदयता तत्काल मौके पर ही दिखा देते तो शायद उन्हें उस युवक की मृत्यु पर्यंत शोक संवेदना जाहिर नहीं करनी पड़ती और एक घर का चिराग संभवत: बुझने से बच जाता।
हालांकि बुधवार को विधानसभा में जब कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया। विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने उन्हें शांत करते हुए कहा कि आप इस मामले को राजनीतिक तूल न दें। घटना के प्रति संवेदनशालीता बनाएं रखना चाहिए और प्रयास होने चाहिए कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को विधानसभा के बाहर रखा जाए और एक्सीडेंट वाले पॉइंट्स में सुधार के बिंदुओं पर बात हो। इसके साथ ही दुर्घटना के दौरान लापरवाही बरतने के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच एडिशनल एसपी को सौंपी जाने की बात कही गई है।
अब यहां गौरतलब तथ्य यह है कि जांच होनी किस चीज की है जब सब कुछ साफ है? इन माननीयों की यही संवेदनशीलता तब कहां चली जाती है जब ये खुद वीआईपी बनकर अपना पूरा काफिला लेकर सड़कों से गुजरते हैं और चारों तरफ से ट्रैफिक रोककर जनता को परेशान किया जाता है।
जिस दिन हमारे देश के हुक्मरान जनता के प्रति ये जवाबदेही समझने लगेंगे जनता की बहुत सारी शिकायतें सरकारों से खत्म हो जायेंगी। 
                   
                   
	               
	               
	               
	               
	              
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