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तस्वीर का असल पहलू:तालाब के लिये मंत्री के चरणों में सरपंच,नहीं पिघले मलैया

खरी-खरी            Feb 11, 2016


ममता यादव ये तस्वीर बहुत कुछ बयां करती है प्रदेश की वास्तविक स्थिति के बारे में। इस तस्वीर में मध्यप्रदेश के ग्वालियर अंचल के घाटीगांव विकासखंड के अंतर्गत आने वाली पंचायत लखनापुरा के सरपंच ने अपने गांव में दो छोटे तालाबों की स्वीकृति के लिये प्रदेश के वित्त मंत्री के आगे हाथ जोड़े पैर पड़े मगर मंत्री जी का दिल नहीं पसीजा। सरपंच ने मंत्री के पैर पकड़ते हुये दुहाई दी कि गांव में पानी की गंभीर समस्या है जानवरों तक के लिये पीने का पानी नहीं है इसलिये छोटे तालाबों के स्वीकृति दे दें। मगर मंत्री जी ने बात टालते हुये कह दिया छोटे तालाबों की योजना बंद हो गई है बड़ा तालाब स्वीकृत करवा लो। यहां मुद्दा यह नहीं है कि तालाब बड़ा हो या छोटा। मुद्दा यह है कि नवदुनियां में छपी यह तस्वीर सत्ता का असली चेहरा दिखाती है। कृषि कर्मण अवार्ड पर अपनी पीठ ठोकती सरकार और मरते किसान। अल्पवर्षा और सूखे के कारण सूखती फसलें और कर्ज में डूबते किसान और दूसरी तरफ अपने गांव में फूलों की खेती में से फूलों का ढेर दिखाकर तस्वीर में यह बताते मुख्यमंत्री कि अब ऐसी खेतियों की तरफ ध्यान लगाईये। समझ ही नहीं आता सरकार किस गलतफहमी में खुद को जन हितैषी और किसान हितैषी बताते हुये पीठ ठोके जा रही है। जबकि उसके मंत्री एक गांव के मुखिया की गुहार पैर पकड़ने के बाद भी नहीं सुन रहे।


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