अरूण पांडे।
आप जिस वजह से सुनक के PM बनने से खुश हैं वो उपलब्धि की वजह नहीं.
ऋषि सुनक का ब्रिटिश PM बनना उनसे ज्यादा ब्रिटेन के लोकतंत्र की उपलब्धि है.
ऋषि सुनक ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे और अगर इस खबर पर तालियां पीटनी जरूरी है तो सुनक से ज्यादा लोकतंत्र और खास तौर पर ब्रिटेन के परिपक्व लोकतंत्र के लिए तालियां बनती हैं और वो क्यों..
वो इसलिए कि ब्रिटेन प्रशासन या वहां के लोगों को इस बात की कोई इनसिक्योरिटी या घबराहट नहीं है कि जो व्यक्ति यहां का पीएम बना है वो ब्रिटिश मूल का नहीं है.
और तो और उसकी पत्नी भी ब्रिटिश नहीं है फिर भी ब्रिटेन में कोई हाय तौबा नहीं मचा रहा कि अब देश का क्या होगा?
एक विदेशी मूल का शख्स पीएम की गद्दी में बैठ गया और ब्रिटिश लोग इसे मुद्दा नहीं बना रहे हैं इसकी वजह है वहां का सिस्टम इतना मजबूत है कि कोई एक व्यक्ति या व्यक्तियों से खतरा नहीं हो सकता और यही लोकतंत्र की खूबी है.
लोकतंत्र की वजह से भारत में भी बड़े बड़े पदों पर मेहनत और टैलेंट के दम पर ऐसे लोग पहुंचे हैं जिनका जन्म गरीब परिवार में हुआ.
जैसे पीएम मोदी, देवेगौड़ा, मुलायम सिंह यादव, मायावती वगैरह.
ये सिलसिला जारी रहे और लोकतंत्र और इसे कायम रखने वाली सभी संस्थाएं लगातार इस दिशा में काम करती रहें.
.तो सुनक का पीएम बनने के बात प्रण कीजिए कि आप जाति, धर्म या नस्ल को असल नहीं मानेंगे. किसी भी तरह का भेद दरअसल गंभीर मानसिक बीमारी है, जिसको सिर्फ समृद्धि से ठीक किया जा सकता है.
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं
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