डॉ. राकेश पाठक।
#सुनिये_सरकार..
● श्रेयांश और प्रियांश के #गुनहगार आप भी हैं...!
सतना के नन्हे श्रेयांश और प्रियांश अब कभी माँ से नहीं रूठेंगे ..कभी नहीं कहेंगे कि मम्मी आज टिफिन में मैगी रख देना...कभी ज़िद नहीं करेंगे कार्टून चैनल देखने की...
नहीं...
अब कभी पापा से नहीं कहेंगे कि शाम को घर आते वक्त फाइव स्टार चॉकलेट लेते आना...!
कुछ भी नहीं कहेंगे.. कह भी कैसे सकते हैं...! इन मासूमों को तो हैवानों ने अगवा करके न जाने कहाँ रखा..फिरौती लेकर भी जंज़ीरों से बांध कर यमुना में जल समाधि दे दी...
इन जुड़वां भाइयों के माँ बाप पर क्या बीत रही होगी यह सोच, समझ पाना भी मुश्किल है...!
जिस माँ ने नौ महीने पेट में रखा... एक साथ छाती से लगाकर दूध पिलाया उसने कैसे देखा होगा अपने ज़िगर के टुकड़ों को इस तरह बेजान हाल में...!
और सरकार आप... और आपकी पुलिस.....!
क्या कर रहे थे आप 14 दिन...?
पूरे सूबे की पुलिस को तबादलों की मथनी में मथ रहे थे...फुर्सत ही नहीं मिली होगी न..!
आपकी इस लेतलाली ने दो मासूमों को दुनिया देखने से पहले ही दुनिया से इस नृशंसता से विदा करवा दिया है।
इन मासूमों की जान बचाई जा सकती थी..वक्त रहते मुल्जिमों को पकड़ा जा सकता था..एक माँ की गोद सूनी होने से बचाया जा सकता था...लेकिन आपसे ये हो न सका.!
मुल्ज़िम कौन हैं..उनकी गाड़ियों में किस रंग का झंडा,स्टिकर, बैनर लगा है.. वे कौन से रंग का गमछा गले मे डालते हैं...
वे किस रामराज्य का ढिंढोरा पीटते रहे हैं आज ये सारे बहाने बेमानी हैं।
सच सिर्फ इतना है कि आपकी सरकार और खाकी वर्दी वाले महकमे की अलाली ने दो मासूम हमसे छीन लिए हैं।
उन्हें अगवा कर कत्ल करने वाले तो असल गुनहगार हैं ही आप भी कम गुनहगार नहीं हैं सरकार..!
आईना देखिये सरकार..!
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