सरकार पर भड़के चीफ जस्टिस, पूछा क्या एक ही आईएएस है और कोई अधिकारी नहीं

खास खबर            Nov 29, 2023


मल्हार मीडिया भोपाल।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर बताया कि वह 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को सेवा-विस्तार देना चाहती है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने जानना चाहा कि केंद्र किस शक्ति के तहत ऐसा कर सकता है. न्यायालय ने केंद्र से यह भी पूछा कि क्या उसके पास ‘केवल एक ही व्यक्ति’ है, क्या इस पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा का कोई अन्य अधिकारी उपलब्ध नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बुधवार को पूछे गए सवालों का जवाब देने को कहा. साथ ही यह बताने के लिए कहा कि वह किस आधार पर दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाना चाहती है. दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सुझाव दिया कि कुमार को सेवानिवृत्ति की अनुमति दी जानी चाहिए और नई नियुक्ति की जानी चाहिए.

साथ ही, इस बात का भी संज्ञान लिया कि केंद्र के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन अधिनियम के तहत नियुक्ति की शक्ति है और इस पर कोई रोक नहीं है. सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली मुख्य सचिव नरेश कुमार सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इस व्यक्ति को सेवानिवृत्त होने दीजिए. आप नई नियुक्ति कीजिए.

केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को सूचित किया कि सरकार डेढ़ साल से अधिक समय से कार्यरत मौजूदा व्यक्ति के कार्यकाल को सीमित अवधि के लिए बढ़ाने का इरादा रखती है. जब मेहता ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो सेवानिवृत्त व्यक्ति का कार्यकाल भी बढ़ाया जा सकता है. इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, 'क्या आपके पास केवल एक ही व्यक्ति है? आप नियुक्ति करना चाहते हैं, करें. क्या आपके पास कोई अन्य आईएएस अधिकारी नहीं है, जिसे दिल्ली का मुख्य सचिव बनाया जा सके? क्या आप एक ही आईएएस अधिकारी पर इतने अटके हुए हैं?'

मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और एलजी वीके सक्सेना के बीच विवाद की नवीनतम जड़ है, जो विभिन्न मुद्दों पर कई विवादों में शामिल रहे हैं. पीठ बिना किसी परामर्श के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति या मौजूदा शीर्ष सिविल सेवक नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र के किसी भी कदम के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. दिल्ली सरकार ने सवाल उठाया है कि केंद्र बिना किसी परामर्श के मुख्य सचिव की नियुक्ति कैसे कर सकता है, जबकि नये कानून को चुनौती दी गई है.

 



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