कन्हैया शुक्ला।
प्राविधिक शिक्षा विभाग और पॉलिटेक्निक में घोटाले का प्रकरण राजभवन पहुंचा, पल्लवी पटेल ने राज्यपाल से SIT जांच की मांग की
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबीनेट मंत्री योगी सरकार की किरकरी करा सकते हैं। समाजवादी विधायक पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के 177 पदों पर हुई पदोन्नति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, इन पदों को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा न करते हुए विभागीय पदोन्नति के जरिए इन पदों को भरा गया।
उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के 177 पदों पर हुई पदोन्नति को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। समाजवादी पार्टी की विधायक और अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल ने इस मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की मांग की है।
पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया है कि इन पदों पर हुई पदोन्नति नियमों और आरक्षण नीति का उल्लंघन है। उनके अनुसार, इन पदों को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा न करते हुए विभागीय पदोन्नति के जरिए इन पदों को भरा गया।
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
पल्लवी पटेल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि विभाग में नियुक्तियों के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित नहीं की गई और यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार से भरी हुई है। उन्होंने 9 दिसंबर 2024 को जारी शासनादेश को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
SIT जांच की मांग
विधायक ने राज्यपाल से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए SIT का गठन किया जाए, ताकि सच्चाई सामने आए और दोषियों को सजा दी जा सके।
सरकार और मंत्री निशाने पर
दरअसल यह मामला प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के विभाग से जुड़ा है। विपक्ष ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए इसे आरक्षण नीति और पिछड़ों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है।
क्या कहा पल्लवी पटेल ने?
उन्होंने कहा, “यह मामला आरक्षण नीति और सेवा शर्तों के उल्लंघन का है। हम चाहते हैं कि इस पर निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।”
मामले की गंभीरता
इस मुद्दे ने योगी सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले पर क्या कदम उठाती है और जांच के नतीजे क्या आते हैं।
आइए अब जानते हैं विस्तार से कि पूरा मामला क्या है
उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल पर विभागीय पदोन्नति में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। सपा विधायक पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों को असंवैधानिक तरीके से प्रोन्नति के माध्यम से भरा गया, जबकि नियमानुसार ये पद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा सीधी भर्ती से भरे जाने चाहिए थे।
पल्लवी पटेल ने इस मामले को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष उठाते हुए 9 दिसंबर 2024 को जारी हुए डीपीसी शासनादेश को तत्काल निरस्त करने और विशेष जांच टीम (SIT) गठित कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इस विवाद के बीच, केंद्रीय मंत्री और आशीष पटेल की पत्नी अनुप्रिया पटेल ने पार्टी की बैठक बुलाई है, जिसमें इस मामले पर चर्चा और संभावित निर्णय लिए जाने की संभावना है।
यह मामला उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है, जहां एक ओर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की जा रही है, वहीं दूसरी ओर मंत्री आशीष पटेल इसे अपने खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप: पूरा मामला और प्रतिक्रियाएं
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल पर हाल ही में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। आरोपों के केंद्र में प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों पर हुई कथित अनियमित प्रोन्नतियां हैं, जिन्हें नियमों के खिलाफ बताया जा रहा है।
क्या हैं आरोप?
सपा विधायक पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के 45 पदों को असंवैधानिक तरीके से भरा गया। सामान्य प्रक्रिया के तहत इन पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से सीधी भर्ती होनी चाहिए थी। लेकिन मंत्री आशीष पटेल पर आरोप है कि उन्होंने इन पदों को विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भर दिया, जो नियमानुसार गलत है।
राज्यपाल से शिकायत
पल्लवी पटेल ने इस मामले को गंभीर बताते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मांग की है कि 9 दिसंबर 2024 को जारी डीपीसी शासनादेश को तुरंत रद्द किया जाए। साथ ही, उन्होंने एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की। पल्लवी पटेल ने दावा किया कि यह पूरी प्रक्रिया आरक्षण नीति और विभागीय नियमों के खिलाफ है।
मंत्री आशीष पटेल का बचाव
इन आरोपों पर मंत्री आशीष पटेल ने कहा है कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है और उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया है कि उनके द्वारा लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच कराई जाए।
अनुप्रिया पटेल की प्रतिक्रिया
मंत्री आशीष पटेल की पत्नी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अपनी पार्टी अपना दल (एस) की एक बैठक बुलाई है, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अनुप्रिया पटेल अपनी पार्टी की छवि बचाने और मामले को शांत करने के लिए रणनीति तैयार कर रही हैं।
विपक्ष का हमला
इस मामले को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “योगी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। मंत्री पद का दुरुपयोग किया जा रहा है, और आरक्षण नीति का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सरकार दलितों और पिछड़ों के अधिकारों का हनन कर रही है।”
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला आगामी विधान सभा चुनावों से पहले सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। आरोपों की गंभीरता और मंत्री के बचाव में दी गई प्रतिक्रिया को देखते हुए मामला जल्द ही न्यायिक जांच के दायरे में आ सकता है।
क्या हो सकता है आगे?
- जांच: SIT या सीबीआई जांच की संभावना बढ़ रही है।
- पार्टी पर असर: अपना दल (एस) की छवि पर भी सवाल उठे हैं, जिससे पार्टी पर राजनीतिक दबाव बढ़ सकता है।
- राजनीतिक विवाद: विपक्ष इस मुद्दे को आगामी चुनावों में सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा बना सकता है।
निष्कर्ष
मंत्री आशीष पटेल पर लगे ये आरोप उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर सकते हैं। जहां एक ओर सरकार की छवि दांव पर है, वहीं विपक्ष इस मुद्दे को अपने पक्ष में भुनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में जांच का क्या नतीजा निकलता है और इससे मंत्री की राजनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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