मल्हार मीडिया ब्यूरो।
हरियाणा कैडर के वर्ष 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूर्ण कुमार ने सोमवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित निवास पर आत्महत्या कर ली। चंडीगढ़ पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि एडीजीपी रैंक के अधिकारी ने खुद की सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारी है।
उनकी बेटी को यह रिवॉल्वर मकान के बेसमेंट में मिली। यह बेसमेंट साउंडप्रूफ है, जिसके चलते गोली चलने की आवाज बाहर नहीं आई। काफी देर बाद पूर्ण कुमार की बेटी ने नीचे जाकर देखा तो पिता का शव पड़ा था और पास में ही रिवॉल्वर भी पड़ी थी। चंडीगढ़ के एसएसपी घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी प्राप्त की।
वाई पूर्ण कुमार की पत्नी पी अमनीत कुमार सीनियर हरियाणा काडर की आईएएस अधिकारी हैं। उनका बैच भी 2001 है। पी अमनीत कुमार इस समय हरियाणा के विदेश सहयोग विभाग में आयुक्त एवं सचिव के पद पर कार्यरत हैं, जो कि इस समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ जापान के दौरे पर गई हुई हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधिमंडल को आठ अक्टूबर की रात को वापस दिल्ली लौटना है।
एडीजीपी रैंक के वाई पूर्ण कुमार पीटीसी सुनारिया (रोहतक) में आईजी के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले उन्हें आईजी रोहतक के पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन वे इस पद पर ज्यादा समय नियुक्त नहीं रह सके।
वाई पूर्ण कुमार को आईजी रोहतक के पद पर लंबे समय बाद नियुक्ति मिली थी। इस नियुक्ति से पहले वह गैर महत्व के पदों पर कार्यरत रहे हैं।
पूर्ण कुमार का विवादों से पुराना नाता रहा है। हरियाणा के मौजूदा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद और पूर्व डीजीपी मनोज यादव के खिलाफ उन्होंने कई बार मोर्चा खोला।
उन्होंने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल के खिलाफ भी चुनाव आयोग को शिकायत कर दी थी।
उनका आरोप था कि आइएएस अनुराग अग्रवाल जातिगत मामलों को देखते हुए अफसरों पर कार्रवाई कर रहे हैं। केवल अनुसूचित जाति के अफसरों को बदला जा रहा है, लेकिन स्वर्ण जाति के अफसरों को नहीं बदला जा रहा है।
वाई पूर्ण कुमार ने वर्ष 2022 में तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरोड़ा पर भेदभावपूर्ण तरीका अपनाकर पूर्व डीजीपी मनोज यादव के पक्ष में जांच रिपोर्ट देने का आरोप भी लगाया था। यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भी पहुंचा।
नौ आइपीएस अधिकारियों के दो-दो सरकारी मकानों पर कब्जे का मामला भी वाई पूर्ण कुमार ने उजागर किया था, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों से एक सरकारी मकान खाली कराते हुए जुर्माना राशि वसूली गई थी।
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