मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा के परासिया में शिशुओं की मृत्यु के प्रकरण में दवा कोल्डरिफ सिरप के विक्रय और भंडारण में गंभीर अनियमितताएं और प्रारंभिक जांच में 3 कर्मियों की प्रारंभिक लापरवाही पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी किए गये हैं।
निलंबित अधिकारियों में शोभित कोष्टा उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी भोपाल, शरद कुमार जैन औषधि निरीक्षक, जबलपुर और गौरव शर्मा औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के डीसीजीआई एवं सीडीएससीओ नई दिल्ली द्वारा 18 दिसंबर 2023 को जारी दिशा-निर्देशों तथा 15 अप्रैल 2025 के राजपत्र (गजट) अधिसूचना में क्लोरफेनिरामिन मेलिएट और फिनाइलएफ्रिन एचसीआई के संयोजन का उपयोग चार वर्ष से कम आयु के बच्चों में प्रतिबंधित किया गया है और औषधि के लेबल पर संबंधित चेतावनी का उल्लेख अनिवार्य है। उक्त निर्देशों के बावजूद इन मानकों का पालन न किए जाने को राज्य शासन ने गंभीरता से लेते हुए उक्त कार्यवाही की।
छिंदवाड़ा में कफ सिरप की वजह से 16 बच्चों की मौत हुई है। इसे लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाई लेवल मीटिंग की है। मीटिंग के दौरान कई अधिकारियों पर उन्होंने कार्रवाई की है। साथ ही कहा है कि छिंदवाड़ा के सभी दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा गौरव शर्मा, औषधि निरीक्षक जबलपुर शरद कुमार जैन और उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन शोभित कोस्टा को निलंबित किया गया है। साथ ही ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को वहां से हटा दिया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही दुकानों में विद्यमान स्टॉक जब्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने यह दवा ली है, उनके घरों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए।
आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं के साथ ही सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों का सहयोग लिया जाए। कोल्ड्रिफ सिरप दवा के अलावा पिछले दिनों क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का भी आंकलन कराया जाए।
इसके साथ ही दवाओं पर जो चेतावनी और सावधानियां लिखी जानी चाहिए, वह लिखी जा रही हैं या नहीं इसकी जांच के लिए अभियान आरंभ किया जाए। इन नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए। चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग नहीं देने की व्यवस्था है, जो डॉक्टर इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाए।
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