मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारत के 42 शहर दुनिया के सर्वाधिक 50 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इन प्रदूषित शहरों में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी, मुजफ्फरनगर, रोहतक, भिवाड़ी, आगरा, इटावा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मेरठ आदि शामिल हैं।
इनमें से अकेले उत्तर प्रदेश के आठ शहरों का नाम है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने इसे स्थानीय निकाय प्रशासन की बड़ी विफलता करार दिया।
वह बुधवार को सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की ओर से राजस्थान के निमली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमें सूरत और इंदौर जैसे शहरों के सफल मॉडल को दोहराने की जरूरत है।
ये हैं साल 2024 के आंकड़े-
2024 में देश के सबसे प्रदूषित रहे ये शहर
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की छठी वर्षगांठ पर जारी रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच भारत के शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में औसतन 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति का देती है संकेत
रेस्पिरर के एटलस एक्यू प्लेटफार्म के डेटा पर आधारित इस अध्ययन में पाया गया कि एनसीएपी शहरों में 24 प्रतिशत प्रदूषण की कमी आई है।
यह कमी वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति का संकेत देती है। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और असम का बर्नीहाट (127.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) 2024 में सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
तत्काल ध्यान देने की है आवश्यकता
इसके अलावा गुरुग्राम (96.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), फरीदाबाद (87.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), श्रीगंगानगर (85.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और ग्रेटर नोएडा (83.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) जैसे शहरों ने भी प्रदूषण के उच्च स्तर दिखाए, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
2024 में वायु गुणवत्ता प्रदर्शन की मुख्य बातें
2019 से 2024 के बीच मानीटर किए गए सभी शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में 27 प्रतिशत की कमी।
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