मल्हार मीडिया भोपाल।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल में विभिन्न स्थानों पर सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें लोगों ने योग से निरोग की गतिविधि को साकार किया और योग का महत्व जाना। शासकीय और निजी संस्थानों में योग सत्र हुए। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार सुबह नई जेल परिसर में अधिकारियों और बंदियों के साथ योगाभ्यास किया। इस अवसर पर जेल महानिदेशक अरविंद कुमार, एडीजी अशोक अवस्थी समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।
गृहमंत्री नरोत्तम ने योगाभ्यास कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि की सोच है कि आज 180 देश एक साथ योग कर रहे हैं। यह विश्व गुरु बनने जैसा है।स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन और मस्तिष्क होता है। सभी लोग स्वस्थ हो तो राष्ट्र समृद्ध होता है। यह वाकई हर्ष और गौरव का विषय है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए योग दिवस के आयोजन को संपूर्ण विश्व ने अंगीकार और स्वीकार किया है।
कार्यक्रम में पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संदेश का वाचन किया गया। इसके उपरांत सामान्य योग अभ्यास क्रम सुबह सात बजे से 7.45 बजे तक। इस मौके पर करीब दो हजार विद्यार्थी भी इस सामूहिक योग कार्यक्रम में शामिल हुए। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की इकाई बोट क्लब पर बुधवार को सुबह छह बजे से योग सत्र का आयोजन किया गया। इसमें पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में आम लोगों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए योगाभ्यास किया।
मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की इकाई बोट क्लब पर सुबह छह बजे से योग सत्र का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने झील किनारे और क्रूज पर योग किया। बोट क्लब पर सुबह 6:30 बजे से प्रारंभ हुए इस योग सत्र में योगाचार्य विजयेता जैन ने योगाभ्यास कराया, वहीं सुबह 7:30 बजे से ज़ुम्बा सेशन में अलग-अलग म्यूजिक रिदम के साथ एक्सरसाइज कराई गई। निगम के प्रबंध संचालक कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि योग दिवस पर निगम की प्रदेश में स्थित विभिन्न इकाईयों में पर योग सत्र का आयोजन किया गया था, इन होटल्स और रिसोर्ट्स में स्टे करने वाले अतिथियों के साथ स्टाफ ने भी योग सत्र में भाग लिया।
आर्ट आफ लिविंग और आरोग्य भारती संस्था ने संयुक्त योग महोत्सव का आयोजन किया। सुबह सात से आठ बजे तक आरोग्य भारती केंद्रीय कार्यालय एफ 94/5, तुलसी नगर में योग के कई आसन, प्राणायाम, ध्यान कराया गया और योग साधकों को प्रत्येक आसन का महत्व बताया गया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बैरागढ़ सेवा केंद्र द्वारा बैरागढ़ स्थित बोरवन में मानवता थीम पर योग साधना शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में बैरागढ़ सेवा केंद्र के साधकों के साथ पार्क में सुबह की सैर करने पहुंचे बड़ी संख्या में नागरिकों ने भी हिस्सा लिया।
बैरागढ़ सेवा केंद्र की संचालिका बीके प्रीति दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन के साथ शारीरिक योग क्रिया के माध्यम से कैसे स्वस्थ रहें, इसके बारे में अवगत कराया। बंगाल की खाड़ी में मैं उठे बिपरजाय तूफान को शांत करने के लिए एवं देश के नागरिकों की खुशहाली की प्रार्थना ईश्वर से प्रार्थना की गई। इस अवसर पर बैरागढ़ सेवा केंद्र की संचालिका बीके प्रीति दीदी ने कहा कि योग दिवस तो एक दिन मनाया जाता है, लेकिन हमें प्रतिदिन योग करना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए यह सबसे अच्छा माध्यम है।
मानव संग्रहालय में योग
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में कामन योग प्रोटोकाल के तहत हर आंगन योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को पुस्तकालय हाल में किया गया। कार्यक्रम के समन्वयक दीपक चौधरी ने बताया की कार्यक्रम के प्रारंभ में योग गुरु द्वारा योग पद्धति एवं लाभ पर संक्षिप्त व्याख्यान दिया । इसके बाद प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में सभी संग्रहालयकर्मी प्राणायाम एवं अन्य आसनों का अभ्यास किया।
जनजातीय विद्यार्थियों ने किया योग
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ थीम पर प्रदेश स्तरीय आयोजन किया गया। विभाग के प्रदेश के विभिन्न जनजातीय बाहुल्य जिलों में स्थित कार्यालयों, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, आदर्श आवासीय विद्यालय, सीएम राइज विद्यालय, शिक्षण संस्थान, छात्रावास, आश्रम एवं मैपसेट केंद्रों पर यह आयोजन किए गए। विभाग द्वारा संचालित बावड़िया कलां भोपाल स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (गुरुकुलम्) में विद्यालयीन 32 सहयोगियों व जनजातीय विद्यार्थियों के लिए विशेष योग अभ्यास आयोजित किया गया। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा निश्चित सामान्य योग अभ्यास (प्रोटोकाल) की पुस्तिका अनुसार योग की जानकारी, सात्विक विचार व भोजन, प्रार्थना, सदिलज, चालन क्रिया, शिथिलीकरण अभ्यास और योग के 20 आसनों का अभ्यास करवाया गया। इसके बाद योगाचार्य गोविंद पाटीदार ने कपालभाति, प्राणायाम, ध्यान, संकल्प और शांति पाठ करवाया गया।
ये योगाभ्यास किए
ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, कटि संचालन, घुटना संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पदहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणोसन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन, शवासन।दौरान न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में पीएम मोदी ने कहा, हम यहां संयुक्त राष्ट्र में पूरी मानवता के मिलन बिंदु पर एकत्रित हुए हैं। मुझे बताया गया है कि आज यहां लगभग हर राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व है। मैं इसके लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं। योग का अर्थ ही है जोड़ना, आप सब एक साथ आ रहे हैं। यह योग के दूसरे रूप की अभिव्यक्ति है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग दिवस कार्यक्रम में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग के लिए पूरी दुनिया आज इकट्ठा हुई है, योग का मतलब ही जोड़ना है। , "पिछले साल पूरी दुनिया 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए एक साथ आई थी। बाजरा एक सुपरफूड है। वह समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को एक साथ देखना अद्भुत है योग के लिए फिर से साथ आएं।" लगभग नौ साल पहले यहीं पर संयुक्त राष्ट्र में मुझे 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव करने का सम्मान मिला था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग भारत से आया है, लेकिन यह कॉपीराइट, पेटेंट और रॉयल्टी भुगतान से मुक्त है। यह मरीजों के लिए औषधि है। उन्होंने कहा कि योग भारत की पुरानी परंपरा है। इसके बावजूद इस पर कोई कॉपीराइट नहीं है। यह सभी के लिए है। सभी प्राचीन भारतीय परंपराओं की तरह यह योग भी जीवंत और गतिशील है। योग जीवन का एक तरीका है। ये विचारों और कार्यों में सावधानी बरतने का एक तरीका है। ये स्वयं के साथ, दूसरों के साथ और प्रकृति के साथ सद्भाव से जीने का तरीका है। संयुक्त राष्ट्र मुख्याल में योग के करने के बाद पीएम मोदी ने बच्चों से भी मुलाकात की।
वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सबा कोरोसी ने कहा कि मैंने सीखा है कि जो शक्तियां ब्रह्मांड में और हमारे अंदर हैं वे एक ही नियम का पालन करती हैं और वह है संतुलन हासिल करना। योग हमें भौतिक रूप से बदलता है। मुझे अपनी बेटी पर भी गर्व है जो योग का काफी समय से अभ्यास कर रही है। मैं उसकी वजह से योग को और अच्छे से समझ पाया हूं। सबा कोरोसी ने कहा कि योग हमारे शारीरिक प्रदर्शन को बदल देता है, लेकिन यह हमारे अंदर अलग मानसिक और बौद्धिक प्रदर्शन को जगा सकता है। मैं योग का प्रशंसक रहा हूं। हमारी दुनिया को संतुलन और आत्म-नियंत्रण की जरूरत है। योग इसे हासिल करने के तरीकों में से एक है।
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