कमल पर शिव भारी, कमलनाथ गए 1 दिन में 1 शहर, शिवराज ने 1 दिन में सम्हाले 3 जिले

मध्यप्रदेश, राजनीति            Jul 03, 2022


ममता मल्हार।
कल सोमवार 4 जुलाई को मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के प्रचार का शोर थम जाएगा। क्योंकि 6 जुलाई को मतदान है।

ज्यों—ज्यों चुनावी दिन करीब आ रहे हैं चुनावी प्रचार तेजी से बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि मध्यप्रदेश की दो प्रमुख पार्टियों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।

चुनावी सभाओं, बूथ लेवल तक जनसंपर्क, रोड शो आदि की भूमिका एक दिन पहले ही रात में तय हो जाती है।

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 22 जून से चुनाव प्रचार का मोर्चा सम्हाला तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 24 जून को चुनावी मैदान में प्रत्याशियों के पक्ष में उतरे।

अगर बात शिवराज वर्सेस कमलनाथ की करें तो आलम यह है कि व्यक्तिगत उर्जा और जन आकर्षण के मामले में शिवराज बाजी मार रहे हैं। कुलमिलाकर यह कि अगर भीड़ पर यकीन किया जाए तो शिवराज का जादू जनता के बीच कायम है।

कांग्रेस के कमलनाथ ने जहां एक दिन में सिर्फ एक शहर में अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार किेया वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक दिन तीन शहरों में अलग—अलग जगहों पर प्रत्याशियों के पक्ष में मोर्चा सम्हाला हुआ है।

एक तरफ शिवराज हैं जो मुख्यमंत्री होते हुए भी निकाय—पंचायत चुनाव को विधानसभा या लोकसभा चुनावों की तरह आक्रामक होकर लड़ रहे हैं।

आभास यही होता है कि चुनाव भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं बल्कि खुद शिवराज लड़ रहे हैं। उनके इसी उत्साह का नतीजा है कि वे 9 दिन में 16 शहरों में रोड शो, प्रचार और सभाएं कर चुके हैं।

इनमें से भोपाल, ग्वालियर और उज्जैन में महापौर पद का मुकाबला कड़ा माना जा रहा है यही कारण है कि इन शहरों में शिवराज एक से अधिक बार चुनाव प्रचार कर चुके हैं इंदौर भी वे कल फिर जाएंगे। वह दो बार उज्जैन जा चुके हैं, इस दौरान उन्होंने 4 सभाएं की।

29 जून को ही तीन अलग-अलग क्षेत्रों (आगर रोड, भैरव नाला गणेश चौक और जयसिंह पुरा) में सभाएं कीं। वहीं ग्वालियर में एक दिन में तीन सभाएं (पिंटो पार्क, इंटक मैदान और गोल पहाड़िया) की।

ज्ञातव्य है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होगा। इस चरण में 133 नगरीय निकायों में वोट डाले जाएंगे। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली, सतना नगर निगम में पहले चरण में चुनाव होंगे।

नगरीय निकाय चुनाव में नाम वापसी के बाद तस्वीर साफ होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चुनावी प्रचार मैदान में उतर गए। उन्होंने 22 जून से प्रचार शुरू किया था। सीएम शिवराज सिंह 30 जून तक यानी 9 दिन में पहले चरण में जिन नगर निगमों में चुनाव होने हैं, वहां उनकी चुनावी सभाएं और रोड शो कर चुके हैं। वहीं पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 24 जून से रोज एक शहर जाकर प्रचार कर रहे हैं।

शहरों में भाजपा के लिए माहौल बनाने में सीएम शिवराज कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह पहले चरण के 11 नगर निगम समेत 16 शहरों में बीजेपी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने जा चुके हैं। वहीं उनकी अलग-अलग शहरों में चुनावी सभाएं लगातार जारी रहेंगी। सीएम शिवराज सिंह एक दिन में 3-3 शहरों में पहुंच रहे हैं। 6 शहरों में रोड शो भी कर चुके हैं।

उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 24 जून को सिंगरौली से 'आपका कमलनाथ-आपके साथ' अभियान शुरू किया। अब तक सिंगरौली सहित 6 नगर निगमों में जाकर चुनावी सभाएं संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने अब तक सागर, सतना, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में चुनावी सभाएं की। वहीं, सागर और जबलपुर में रोड-शो भी किया।

30 जून को ही कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में रोटरी क्लब, कोचिंग एसोसिएशन, व्यापारी प्रकोष्ठ और अधिवक्ताओं से चर्चा की।

खास बात यह है कि कमलनाथ चुनावी सभाओं के अलावा प्रबुद्धजनों के साथ भी बैठक कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से भी चर्चा कर रहे हैं।

लेकिन कमलनाथ का जोश ठंडा पड़ गया है यह तब साबित हो गया जब उन्होंने यह कह दिया कि वे नगरीय निकाय चुनावों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते। कमलनाथ दरअसल राष्ट्रीय राजनेता रहे हैं और वे प्रदेश स्तरीय राजनीति में कई बार उबे हुए नजर आते हैंं। शायद यही कारण है कि ये निकाय चुनाव जो कि नाली, सड़क, पानी के मुद्दों पर फोकस्ड होते हैं उनमें वे उतनी रूचि नहीं दिखा पाते। नही जनता के बीच सहज रह पाते हैं।

हालांकि कमलनाथ चुनावी सभाओं के अलावा प्रबुद्धजनों के साथ भी बैठक कर रहे हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से भी चर्चा कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी सभाओं में पूर्व की कमलनाथ सरकार और कांग्रेस को निशाना बना रहे हैं। लगभग हर सभा में वह इन बातों पर जनता के बीच कह रहे-

कमलनाथ 15 महीने के लिए सीएम बने थे, 15 महीने में मध्यप्रदेश को तबाह और बर्बाद कर गए। सिवाय पैसा खाने के दूसरा कोई काम नहीं था। वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था।
कमलनाथ कहां से पैसा लाएंगे, दिल्ली में बीजेपी की सरकार है, मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है।
बीच में 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने संबल योजना को बंद करके पाप किया, लेकिन जैसे ही मध्यप्रदेश में फिर से भाजपा सरकार आयी तो संबल योजना हमने पुनः प्रारंभ की।
हम विकास कार्यों के पैसे भोपाल से आपके पास भेजते हैं, लेकिन अगर कांग्रेस का आदमी आ गया तो पूरा पैसा खा जाएगा। कांग्रेसी को मत जीतने देना, हर जगह भाजपा को जिताना!


कमलनाथ भी शिवराज सिंह के कार्यकाल को निशाना बना रहे हैं। वह करीब-करीब हर सभा में इन बातों को दोहराते नजर आते हैं
शिवराज जी आ जाएं, खड़े हो जाएं, 18 साल का हिसाब दे दें, मैं 15 महीनों का हिसाब देने को तैयार हूं।
शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार के कारण मप्र में कोई उद्योग नहीं लगाना चाहता है। अगर सही नीति और नीयत हो तो विकास होता है।
18 साल से प्रदेश में भाजपा का मुख्यमंत्री है, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई बढ़ रही है।
शिवराज सिंह के राज में महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। किसान के बेटे बनकर घूमने वाले शिवराज सिंह के राज में सर्वाधिक किसान आत्महत्या करते हैं।
शिवराज जी ने जो 20 हजार घोषणाएं कीं। यह मुंबई जाकर कलाकारी, एक्टिंग करेंगे तो मप्र का नाम रोशन होगा।

दरअसल नगरीय निकाय चुनाव के नामांकन वापसी की तारीख 22 जून थी।

इस प्रक्रिया के पूरे होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रचार के लिए मैदान में उतर आए।

पहले चरण में जहां चुनाव होने हैं वहां उनकी चुनावी सभाएं और रोड शो हो चुके हैं।

सीएम शिवराज चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब तक वे 16 शहरों में प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर चुके हैं।

वहीं उनकी अलग-अलग शहरों में सभाएं लगातार होनी हैं। शिवराज एक दिन में तीन-तीन शहरों में पहुंच रहें हैं।

जानकारी के अनुसार बीजेपी को सबसे ज्यादा टक्कर उज्जैन, ग्वालियर, इंदौर, सागर और भोपाल में मिल सकती है।

उज्जैन में सीएम दो बार प्रचार कर चुके हैं। 29 जून को उज्जैन में ही तीन अलग-अलग क्षेत्रों में सभाएं की। इसी कड़ी में ग्वालियर में एक दिन में तीन सभाएं की।

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने 24 जून को सिंगरौली से आपका कमलनाथ आपके साथ अभियान की शुरुआत की थी।

सिंगरौली सहित अब तक कमलनाथ 6 नगर निगमों में जाकर चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं।

सागर, सतना, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर में भी चुनावी सभा करके अपने प्रत्याशी के लिए जनता से वोट मांगे। इसके अलावा उन्होंने सागर और जबलपुर में रोड-शो किया।

एमपी में शहर की सरकार के लिए सियासी जंग में चुनाव प्रचार चरम पर है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक पार्टी के नेता पूरी ताकत लगा रहे हैं. बीजेपी की तरफ से सीएम शिवराज तो कांग्रेस के कमलनाथ चुनावी प्रचार की कमान संभाले हुए हैं.

पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ 24 जून से रोज एक शहर में जाकर प्रचार कर रहे हैं। पहले चरण के 11 नगर निगम समेत 16 शहरों में बीजेपी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने जा चुके हैं।

वहीं उनकी अलग-अलग शहरों में चुनावी सभाएं लगातार जारी रहेंगी। सीएम शिवराज सिंह एक दिन में 3-3 शहरों में पहुंच रहे हैं। 6 शहरों में रोड शो भी कर चुके हैं।

खंडवा में ओवैसी पर भड़के कमलनाथ, बोले- छुपकर मदद कर रहे हैं, खुलकर सामने आइए


कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कमलनाथ 24 जून को सिंगरौली से ''आपका कमलनाथ-आपके साथ'' अभियान शुरू किया।

अब तक सिंगरौली सहित 6 नगर निगमों में जाकर चुनावी सभाएं संबोधित कर चुके हैं।

अब तक सागर, सतना, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर,छिंदवाड़ा, सिंगरौली में चुनावी सभाएं कीं। सागर और जबलपुर में रोड-शो भी किया।

 



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