समय संवेदनशील है पूरे देश के लिए। पूरी दुनिया की नजरें आज भारत पर हैं। पहलगाम हमले के बाद से आक्रामक शब्दावली और संवाद को सोशल मीडिया पर जैसे तूफान आया हुआ है। इस बीच कुछ वाक्य जैसे मूलमंत्र की तरह रट लिए गए हैं और वे हर कहीं कॉपी पेस्ट किए जा रहे हैं। पर एक वाक्य ऐसा है जो आपको ठीक लग रहा हो पर ध्यान दीजिए कहीं यह वाक्य आपके देश की अपनी ही सरकार को कमजोर तो नहीं दिखा रहा? लिखने से पहले बोलने से पहले सोचिए और इसे एक बार पढ़िए
याद रखिए !आपकी सरकार सबकुछ कर सकती है।
जब आप यह कहते हैं सरकार क्या करे? अकेली सरकार क्या-क्या करेगी?
या सरकार कर ही क्या सकती है?
तब आप भूल जाते हैं कि आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सरकार के बारे में बात कर रहे हैं।
ऐसा कहकर आप अपने ही देश की सरकार को कमजोर कह रहे हैं कि सरकार क्या कर सकती है। सरकार आपकी पसंद की पार्टी की हो या न हो पर ऐसे वाक्य उसे दुनिया के सामने कमजोर ही दिखाते हैं।
बहुत चलन हो गया है जिसके जो मुंह में आता है बकता रहता है। विचारों से असहमति हुई फौरन वामपंथी, सेक्युलर देशद्रोही ब्लॉ ब्लॉ का सर्टिफिकेट जारी हो जाता है।
आप जिस विचारधारा को मानते हैं ऐसी ही अन्य विचारधाराएं भी हैं पर इन्हें गाली बना दिया गया है जैसे। सिर्फ हम देशभक्त हम धार्मिक बाकि सब चाय कम पानी। कुछ सोशल मीडिया पर आएं बाएं देखा नहीं कि लगे भेजने मेसेंजर से व्हाटसप तक। बिना जांचे परखे।
खैर इस देश के नागरिक हैं, आप वोट का अधिकार जानते हैं तो बाकि बहुत कुछ भी जानते होंगे, इस देश से प्रेम करते हैं तो अगली बार यह कहने लिखने से पहले कि सरकार क्या कर सकती है या क्या करेगी! आपके दिल-दिमाग में यह सवाल जरूर आना चाहिए कि आप अपनी मनपसंद सरकार को कमजोर तो नहीं कह रहे? भावनाओं और इंफकुएन्ससर्स के साथ बहकर।
बाकि मैं सेक्युलर होऊं वामपंथी होऊं दक्षिणपंथी होऊं राष्ट्रवादी होऊं या कुछ भी न होऊं मुझे सर्टिफिकेट की दरकार नहीं कम से कम देश के लिये।
यह समय अपनी सरकार पर भरोसा कर उसके साथ खड़े रहने का है।
याद रखिए!आपकी सरकार सबकुछ कर सकती है।
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