Breaking News

अच्छे कवि, अच्छे पीआरओ, बेहतरीन वक्ता और मधुरभाषी नंदनजी

मीडिया            Apr 10, 2016


prakash-hindustaniडॉ.प्रकाश हिंदुस्तानी। डा. कन्हैयालाल नंदन उन सम्पादकों में से हैं, जिन्हें उनकी योग्यता और मेहनत के काम से वह मान-सम्मान नहीं मिला है, वे जिसके हकदार हैं। उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले के तिवारी परिवार में जन्मे कन्हैयालाल नंदन ने कानपुर से बी.ए., इलाहाबाद से एम.ए. और भावनगर यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. की उपधियाँ लीं। 1 जुलाई 1933 में जन्मे श्री नंदन ने मुम्बई विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में चार सल तक अध्यापन कार्य किया। 1961 से 1972 तक वे धर्मयुग में सहायक सम्पादक रहे। फिर 1972 से दिल्ली से क्रमशः पराग, सारिका और दिनमान में संपादक रहे। फिर तीन वर्ष तक नवभारत टाइम्स में फीचर संपादक भी रहे। बाद में वे 6 साल तक 'संडे मेल' में सम्पादक रहे और फिर टीवी की दुनिया में इंडसंइड मीडिया के डायरेक्टर बने। पद्मश्री, नेहरू फैलोशिप आदि से सम्मानित श्री नंदन की पत्रकारिता, साहित्य, कला, फिल्म आदि क्षेत्रों में गहरी समझ और पहचान है। कई नामी कलाकारों से उनका घरोपा रहा है। उनकी खूबी है कि बडे से बडे और छोटे से छोटे आदमी को मिनटों में अपना बना लेते हैं। नंदनजी की प्रमुख किताबों में जरिया-नजरिया, गीत संचानन, अमृता शेरगिल, आग के रंग, घाट-घाट का पानी, त्रुकुआ का शाहनामा आदि प्रमुख है। अच्छे कवि, अच्छे पीआरओ, बेहतरीन वक्ता और मधुरभाषी नंदनजी अपने दोस्त जल्दी बना लेते हैं और दोस्ती की कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। www.prakashhindustani.com


इस खबर को शेयर करें


Comments