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ध्यानाकर्षण: अब मालिकों से पत्रकारों को मजीठिया देने को कहेगी महाराष्ट्र सरकार

मीडिया            Apr 14, 2016


मल्हार मीडिया। महाराष्ट्र सरकार एक सप्ताह के भीतर अखबार प्रबंधकों के साथ बैठक करेगी, जिसमें पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशें लागू कराए जाने पर चर्चा की जाएगी। सरकार ने यह जानकारी विधानसभा में दी। श्रम मंत्री प्रकाश मेहता ने कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर एक उच्च स्तरीय मीटिंग बुलाएंगे, जिसमें मीडिया समूहों के मालिक और अधिकारीगण मौजूद रहेंगे और उस दौरान पत्रकारों से जुड़े वेतन आयोग पर निर्णय लिया जाएगा और अखबार मालिकों को पत्रकारों का अधिकार देने की बात की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही वेतन आयोग के मुद्दे पर पत्रकार संगठनों से भी मुलाकात करेगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने पत्रकारों से संबंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया, जिस पर विस्तार से चर्चा की गई। वहीं मेहता ने बताया कि महाराष्ट्र शासन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब पत्रकारों के हित और उन पर हो रहे शोषण का मुद्दा विधानसभा में उठाया गया। इसके अलावा विधानसभा में भी यह भी माना गया कि बड़े मीडिया समूहों द्वारा पत्रकारों का मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। पाटिल ने विधानसभा में यह भी कहा कि राज्य में करीब छोटे-बड़े 900 अखबार हैं, जिनमें से लगभग 44 समाचार पत्रों ने तो अपने यहां वेतन बोर्ड लागू किया, लेकिन पूरी तरह से लागू कर पाने में सक्षम नहीं रहे। इसके अलावा अन्य अखबारों ने तो मजीठिया आयोग की सिफारिशें लागू तक नहीं की हैं। वहीं एनसीपी विधायक जयंत पाटिल ने कहा सरकार को वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए समाचार पत्र के संस्थानों में सीधे दखल देना चाहिए। मेहता ने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशें समाचार पत्र के संस्थानों के लिए बाध्यकारी हैं और अब इसे लागू कराने को लेकर सरकार प्रबंधकों पर दबाव बनाएगी। बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने पत्रकारों और समाचार पत्रों के अन्य कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मजीठिया वेतन आयोग की सिफारिशों को वैध ठहराया था। उनका कहना था कि इसकी सिफारिश उचित विचार-विमर्श पर आधारित है।


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