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पत्रकारिता की प्रेरणा की स्मृति:संग्रहालय और शोध संस्थान

मीडिया            Apr 03, 2015


सीहोर मल्हार मीडिया मध्यप्रदेश के यशस्वी और मूर्धन्य पत्रकार तथा जिले के पत्रकारों के प्रेरणा स्त्रोत अंबादत्त भारतीय की स्मृति में सीहोर में पत्रकारिता संग्रहालय और शोध संस्थान की स्थापना की गई है। आंचलिक पत्रकारिता के पुरोधा बाबा भारतीय की समृति में स्थापित किए गए संग्रहालय और शोध संस्थान ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। raghuvar-dayal-gohiya संस्थान के अध्यक्ष रघुवर दयाल गोहिया ने बताया कि संस्थान की स्थापना का उद्देश्य जिले के इतिहास, जिसमें राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक आदि शामिल है, से संबंधित पुराने दस्तावेजों और पुस्तकों का संकलन और संरक्षण किया जाना है। इसके साथ ही संस्थान के माध्यम से शोध कार्य को बढ़ावा देना भी शामिल है। साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर परिचर्चा और संवाद श्रृंखला भी आयोजित की जाएगी। संग्रहालय में रूचि रखने वाले साथियों ने ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज, पुस्तकें, समाचार पत्र एवं दुर्लभ चित्र भी भेंट कर संग्रहालय को समृद्ध बनाने में अपना उल्लेखनीय योगदान देना प्रारंभ कर दिया है। इसमे सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में 1887 में भोपाल रियासत और ब्रिटिश शासन के बीच भोपाल-उज्जैन के बीच रेल पटरी बिछाने को लेकर समझौता हुआ था। उसका मूल दस्तावेज संस्थान को एक सहयोगी द्वारा प्रदान किया गया है। इसी प्रकार भोपाल रियासत के नबावों द्वारा लिखी गई दुर्लभ पुस्तकें भी संस्थान को प्राप्त हो चुकी हैं। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जब 1 जून 1954 को सीहोर मे आए थे उस समय के दुर्लभ चित्रों का एलबम भी संस्थान के पास सुरक्षित किया गया है। संस्थान के माध्यम से भोपाल रियासत का इतिहास , पुरातत्व एवं समाचार पत्रों को लेकर शोध कार्य किया जा रहा है। संस्थान के सभी पदाधिकारियों द्वारा इतिहास प्रेमियों और पुरातत्व में रूचि रखने वालों से अपील की हे कि उक्त प्रकार से अगर उनके पास कोई दुर्लभ दस्तावेज, चित्र, पुस्तक या अन्य सामग्री है तो उसे सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए संस्थान को प्रदान करने में सहयोग दें।


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