मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक डंपर ड्राइवर ने टीकमगढ़ से कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह के बेटे और उसके गमनैन पर मारपीट करने का आरोप लगाया है. ड्राइवर का कहना है कि यादवेंद्र सिंह के बेटे और उसके गनमैन ने मारपीट की और जातिसूचक शब्द कहते हुए धमकी भी दी. ड्राइवर का आरोप है कि थाने में उसे कई घंटे तक बैठाया गया.
मेडिकल रिपोर्ट में जबरन शराब पीने की बात लिखाई गई और शिकायत लेने से मना कर दिया है. विधायक यादवेंद्र सिंह ने ड्राइवर के आरोपों को झूठा बताया है.
इस मामले में पुलिस का कहना है कि ड्राइवर शराब के नशे में था. उसके खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज किया गया है.
भोपाल के चूना भट्टी इलाके में रहने वाले ड्राइवर बाबू कहार ने पुलिस कमिश्नर को शिकायती आवेदन देकर विधायक के बेटे पर आरोप लगाए हैं. ड्राइवर का कहना है कि 14 जुलाई को दोपहर 2 बजे कलियासोत घाटी पर डंपर खराब हो गया था. इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने पीछे से डंपर में टक्कर मार दी. थोड़ी देर बाद युवक और सफारी सूट पहने गनमैन वहां पहुंचे. युवक ने खुद का विधायक का बेटा बताया.
ड्राइवर का आरोप है कि जब उसने गलती मानने से इनकार किया तो उस युवक और गनमैन ने उसे जबरत स्कॉर्पियो में बैठाया और पीटा. ड्राइबर बाबू ने बताया कि इसके बाद उसे चूना भट्टी थाने लाया गया, जहां उसे रात 12 बजे तक बैठाकर रखा गया. इस दौरान गाड़ी में बैठे लोगों ने धमकाया कि 1.50 लाख रुपए दो नहीं गाड़ी सड़वा देंगे.
बाबू कहार का कहना है कि उस दिन वह सावन सोमवार का व्रत था, कभी शराब नहीं पी है. फिर भी मेडिकल रिपोर्ट में जबरन शराब पीने की बात लिख दी गई है. ड्राइवर ने मांग की है कि घटना स्थल और थाने के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएं. जिससे साफ हो सके कि उसे कितनी देर थाने में बैठाया गया.
कांग्रेस विधायक यादवेंद्र सिंह का कहना है कि घटना के वक्त मेरा बेटा गाड़ी में नहीं था. परिवार के लोग थे. डंपर ओवरलोड था और वह चढ़ाई में पीछे आ गया था. इस वजह से स्कॉर्पियो डैमेज हुई है. हमने इसकी शिकायत पुलिस में की है. ड्राइवर के लगाए गए आरोप झूठे हैं. मेरे परिवार के बच्चे बाल-बाल बचे हैं.
इस मामले को लेकर चूना भट्टी थाना प्रभारी धर्मेंद्र मौर्य ने कहा कि डंपर चालक की लापरवाही से यह हादसा हुआ. ड्राइवर शराब के नशे में था और उसके खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने का मामला दर्ज किया गया है. गाड़ी में बच्चे भी थे, किसी को चोट नहीं आई.
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