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बिना मीडिया सपोर्ट के किस्मत आजमा रहे हैं ममता और गोगोई

मीडिया            Apr 11, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को इस बार के विधानसभा चुनाव में मीडिया का सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में ये दोनों नेता बिना मीडिया सपोर्ट के ही इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में लगभग सभी टेलिविजन चैनलों ने ‘नारद’ न्यूज चैनल के स्टिंग को दिखाया है, जिसमें पार्टी के नेता घूस लेते दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा 31 मार्च को फ्लाईओवर ढहने के मामले में माना जा रहा है कि खराब गुणवत्ता का मटीरियल इस्तेमाल करने के चलते ऐसा हुआ और आपूर्तिकर्ताओं से टीएमसी सिंडीकेट के भी लिंक थे। इसके अलावा बनर्जी ने चुनाव की रैलियों में यह कहना भी शुरू कर दिया था कि वह ‘मीडिया सपोर्ट’ की कोई परवाह नहीं करती हैं। इन रैलियों में ममता ने कहा, ‘मुझे आपके सपोर्ट की जरूरत है क्योंकि मैं यहां आपके काम करने के लिए हूं। क्या आप मुझे वोट करेंगे या नहीं।’ उन्होंने मिदनापुर जिले के नारायणढ़ में मतदाताओं से सूर्यकांत मिश्रा को हराने की अपील की, जो नारायणगढ़ से कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। यही नहीं तनाव में आकर उन्होंने यह तक कह दिया था, ‘मीडिया या तो भाजपा और कांग्रेस के हाथों बिक चुकी है अथवा माकपा के राजनीतिक फायदे के लिए काम कर रही है।’ शारदा ग्रुप घोटाले को लेकर भी सरकार की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही है। निवेशकों को तलाशने के ममता बनर्जी के निजी प्रयासों के बावजूद चैनल 10 (बंगाली चैनल), सकालबेला (बंगाली दैनिक) और बंगाल पोस्ट (अंग्रेजी दैनिक) बंद हो चुके हैं। इसके अलावा बंगाल का टीवी चैनल ‘तारा न्यूज’, जिसे शारदा ग्रुप ने दूरदर्शन के पूर्व प्रमुख और मीडिया दिग्गज रतिकांत बासु से खरीदा था, वह फंड की कमी से जूझ रहा है और चुनाव में इससे सहायता नहीं मिल रही है। तारा न्यूज लंबे समय से टीएमसी और शारदा ग्रुप मैनेजमेंट के नियंत्रण में नहीं है और इसके बजाय यह कर्मचारियों के सहयोग से चलाया जा रहा है। चैनल अपने दम पर खड़ा होने की कोशिश कर रहा है और नारद टेप व फ्लाईओवर के गिरने के मामले को लेकर बनर्जी की पीड़ा को और बढ़ा रहा है। ऐसे में ममता बनर्जी को इन चुनावों में मीडिया का साथ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि ‘ABP Ananda’ के लोकप्रिय प्रजेंटर सुमन देव जिन्होंने वर्ष 2011 के चुनावों में ममता बनर्जी के साथ हेलिकॉप्टर की सवारी की थी, वे भी अब लगातार पैनल डिस्कशन कर ‘नारद’ मामले में तृणमूल के नेताओं पर प्रहार कर रहे हैं। इसके अलावा फ्लाईओवर ढहने के मामले को लेकर सुमन देव द्वारा चलाई गई स्टोरी भी ममता बनर्जी के लिए परेशानी खड़ी कर रही हैं। यहीं नहीं, ‘आनंद बाजार पत्रिका’ और ‘द टेलिग्राफ’ लगातार नए-नए खुलासे कर ममता बनर्जी की मुश्किलें और बढ़ा रहे हैं। राज्य का कोई भी चैनल ‘नारद’ मामले और फ्लाईओवर ढहने के मामले को भुनाने से चूकना नहीं चाहता है। वहीं, यदि असम की बात करें तो वहां सत्‍तारूढ़ कांग्रेस के हाथ से एक प्रमुख टीवी चैनल ‘Newslive’ निकल गया है। इसके मालिक हिमांता विश्व शर्मा ने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई का साथ छोड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी की ओर चले गए। हालांकि आधिकारिक रूप से चैनल उनकी पत्नी के नाम था लेकिन असम में हर व्यक्ति यह जानता है कि इसके लिए संसाधन कौन जुटा था। शारदा घोटाले में भी शर्मा से पूछताछ हो चुकी है। इसके अलावा असम में और भी कई प्रमुख अखबार और चैनल भाजपा के साथ हैं।


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