मल्हार मीडिया डेस्क।
अक्सर चुनाव के समय देखा जाता है कि लोग ये दुष्प्रचार करते हैं कि बीबीसी ने 'चुनाव सर्वेक्षण' किया है और फलां पार्टी जीत रही है। बुधवार को भी ऐसा दुष्प्रचार किया गया। इसमें बताया गया कि उत्तरप्रदेश चुनाव-2017 को लेकर बीबीसी ने एक सर्वे किया है जबकि बीबीसी ने ऐसा कोई सर्वे नहीं किया था।
बीबीसी ये स्पष्ट करना चाहता है कि न तो बीबीसी चुनावी सर्वेक्षण कराता है और न ही किसी एक पक्ष की ओर से किए गए 'इलेक्शन सर्वे' को प्रकाशित ही करता है। अतीत में भी बीबीसी ने उसके नाम पर होने वाले चुनावी सर्वेक्षणों की विश्वसनीयता का खंडन किया है। लेकिन इसके बावजूद कुछ लोग बीबीसी की विश्वसनीयता का फायदा उठाने की फ़िराक़ में रहते हैं।
इससे पहले इसी वर्ष मुंबई नगर निगम चुनावों में भी बीबीसी के नाम पर एक फर्ज़ी 'इलेक्शन सर्वे' जारी किया गया था। व्हॉट्स ऐप और सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर कुछ लोगों ने यह प्रचारित किया था कि बीबीसी हिंदी ने 'बृहन्मुंबई महानगरपालिका' का चुनाव पूर्व सर्वेक्षण किया और इसके रुझान प्रकाशित किए।
ऐसे मामले पहले भी देखे गए हैं जब राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान बीबीसी के नाम पर ऐसे चुनावी सर्वेक्षण चलाए गए।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान बीबीसी संवाददाता सलमान रावी से राज्य के एक मंत्री ने कहा, बीबीसी ने भी सर्वे किया है जिसमें पता चला है कि हम जीत रहे हैं। बीबीसी संवाददाता ने मंत्री का भ्रम दूर किया कि बीबीसी की नीति के तहत चुनावी सर्वेक्षण नहीं किए जाते हैं।
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