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मजीठिया: वरना मुख्य सचिव को अदालत में होना होगा पेश

मीडिया            Mar 18, 2016


मल्हार मीडिया डेस्क। पत्रकारों और गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेतन आयोग मामले में उच्चतम न्यायालय ने कल हुई सुनवाई में काफी सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि जिन राज्यों ने अभी तक मजीठिया मामले में अपनी कार्यवाही का ब्यौरा जमा नहीं किया है वो 5 जुलाई तक कर दें अन्यथा उस राज्य के मुख्य सचिव 12 जुलाई को अदालत के सामने पेश होंगे। अदालत ने यह भी कहा के जिन लोगों की अर्जी अब लगाई गयी है वो अब श्रम अधिकारियों के समक्ष अपना मामला पेश करें। सभी लोग अब चाहें तो धारा 17(1) के तहत अपने मजीठिया लाभ का दावा पेश करें। जिन लोगों ने 20 (j) पर भी हस्ताक्षर किया है वो भी इस बात का उल्लेख करते हुए अपनी शिकायत इंस्पेक्टर के सामने लगाएं। सभी कर्मचारी चाहें तो लेबर इंस्पेक्टर के सामने सम्मिलित रूप से श्रमजीवी पत्रकारों की यूनियन द्वारा शिकायत लगाएं। यह जरुरी नहीं है कि सभी कर्मचारी उस शिकायत पर दस्तखत करें। शिकायत का प्रारूप इस मामले में भड़ास के यशवंत सिंह की तरफ से देश भर के पत्रकारों और समाचार पत्र कर्मियों की लड़ाई लड़ रहे अधिवक्ता उमेश शर्मा पत्रकारों और समाचार पत्र कर्मियों के लिए दे रहे हैं, जिसे डाउनलोड कर सकते हैं। कर्मचारी और यूनियन इस बात की भी शिकायत कर सकती है कि प्रबंधकों ने उनसे जबदस्ती 20 (J) पर दस्तखत करवाया है और इसे अमान्य समझा जाये और प्रबंधको के खिलाफ कार्यवाही की जाये। जो लोग सेवानिवृत हो चुके हैं, त्यागपत्र दे चुके हैं , जिनकी मृत्यु हो चुकी है उनके बच्चे इस लाभ के हक़दार हैं और उनसे भी संपर्क कर उन्हें साथ लिया जाना चाहिए ताकि सभी लोग संगठित रह सकें और प्रबंधकों को एक किनारे कर सकें। शिकायत का प्रारूप यहाँ से प्राप्त करें


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