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सिन्धु, जो आपको गाली दे रहे हैं…

मीडिया            Mar 04, 2016


ravish-kumar-ndtv रवीश कुमार। सिन्धु सूर्यकुमार, हम भाषा और भूगोल के कारण बहुत दूर हैं मगर हमपेशा होने के कारण करीब । मुझे मलयाली आती तो मैं आपकी भाषा में यह ख़त लिखता। मैं कुछ दिनों से ख़बरें पढ़ रहा हूँ कि केरल के मलयाली चैनल में सिन्धु सूर्यकुमार नाम की एंकर हैं जिसे इंटरनेट हिन्दू कहे जाने वालों का दल गालियाँ दे रहा है। मारने की धमकी दे रहा है। जिस नाम के मूल से हिन्दू और हिन्दुस्तान निकला है उस सिन्धु को ये इंटरनेट हिन्दू ही गालियाँ दे सकते हैं। उन्हें न तो नाम की क़द्र है न आपके काम की। दुनिया की किसी अज्ञात नारी को देवी सेवी बताने वाले ये लोग आपके नारी होने की भी परवाह नहीं करते। भारतीय राजनीति बिना गुंडों और लठैतों के नहीं चलती है। वो हर समय अलग अलग प्रकार के गुंडे ले आती है। पहले लठैत आए, फिर डाकू, फिर बाहुबली और अब आई टी सेल। आई टी सेल नए किस्म के गुंडों और लठैतों का अड्डा है जहाँ से वे अपने आका के इशारे पर किसी पर भी हमला कर देते हैं। बदनाम करते हैं और अफवाह फैलाते हैं। हम लोग उत्तर भारत की ज़मीन पर पिछले दो साल से झेल रहे हैं। उन्होंने मुझे सौ फीसदी रंडी की औलाद कहा है जबकि मेरी माँ ही मेरे लिए भारत माता है। सिन्धु आप अकेली नहीं हैं। उत्तर भारत में कई वरिष्ठ महिला पत्रकारों को खुलेआम गालियाँ दी जा रही हैं। उनके ट्वीटर या फेसबुक की टाइमलाइन पर शर्मनाक बातें लिखीं जा रही हैं। ये सब एक खास विचारधारा के लोग हैं । सत्ता ने इन्हें सहारा दिया है जिसके कारण इनके हौसले बुलंद हैं। सत्ता के जाते ही ये बिल में चले जाते हैं। आप जानती हैं कि आप जैसी कई लड़कियाँ अभी अभी घरों से निकल रही हैं। केरल में स्थिति बेहतर होगी लेकिन उत्तर भारत और उससे सटे इलाक़े की लड़कियों ने तो अब क़दम बढ़ाया है। ये पूरी क़वायद संस्कृति का ठेकेदार बनकर लड़कियों को वापस घर में बंद करने की है। जिन ठेकेदारों की भाषा गालियों की हो उन्हें जो समाज संस्कृति का ठेका देगा उसका बेड़ा गर्क़ होने वाला है। इसलिए सिन्धु घबराइयेगा नहीं। इन्हें यही आता है। पूरे केरल में ये व्हाट्स अप के ज़रिये आपको बदनाम करेंगे। आपको फोन करेंगे। बड़े बड़े पदनामों और विदेशी शहरों के पते से गालियाँ भेजेंगे। जैसे कैलिफ़ोर्निया जाते ही आइन्स्टाइन बन गए हो उस अधिकार से गाली देंगे। मुझे भी ऐसे फोन आते थे। कनाडा लंदन के नाम पर फोन उठा लेता था और गालियाँ खाने लगता था। कुछ लोग अपनी गालियों को संवैधानिक मान्यता देने के लिए बड़े पदों से रिटायर हुआ व्यक्ति बताया करते थे। इनके प्रपंच का पैटर्न एक है मगर लोग समझ जाते हैं। इनके दल का एक हिस्सा आध्यात्म बघारेगा। आध्यात्म के नाम पर फ़िटनेस सेंटर खोलकर सामाजिक मान्यता लेता है। नरम कट्टरवाद की आहट लोग सुन नहीं पा रहे हैं लेकिन एक दिन ज़रूर देख लेंगे। ये जब भी आपको गाली देंगे आप इनके परिवारों को याद कीजियेगा। पता नहीं किस मजबूरी में इन्हें ये काम करना पड़ता होगा । कौन भला चाहेगा कि वो किसी को गंदी गाली दे । इसलिए उसके बारे में सोचियेगा कि वो बेचारा किसी नेता के प्रभाव में, किसी विचारधारा के प्रभाव में किसी दल के आई टी सेल में गया होगा। गुलाम की तरह वो आका के कहने पर तरह तरह की आईडी बनाकर गाली देने के लिए मजबूर हुआ होगा। मैं यक़ीन के साथ कह सकता हूँ जिसने भी आपको गाली दी होगी वो अपनी पत्नी माँ पिता भाई को नहीं बता पाता होगा। उसकी कुंठा को समझिये। पहले वो सामाजिक कुंठा से बचने के लिए राजनीतिक दल में गया फिर वहाँ बना भी तो साइबर गुंडा। इसीलिए वो बार बार या हर बात में ख़ुद को देशभक्त कहता है । कुछ लोगों को भले ही ठेके वगैरह मिल गए होंगे लेकिन बाकी तो इन्हीं के ठेके पर गालियाँ देने की मजदूरी कर रहे हैं । इसलिए दोस्त चिन्ता मत करना। मीडिया की इस मंडी में हम और आप यूँ भी बहुत आसानी से ठिकाने लगा दिये जायेंगे। उनकी ताकत अकूत है। मीडिया अब मीडिया नहीं रहा। पहले भी नहीं था। चैनल अब पार्टियों के महासचिव हैं। रिपोर्टर कार्यकर्ता। इसलिए जब तक आप वहाँ हैं अलग करते चलिए। समाज को बताते चलिये। समाज को तय करना होगा कि सवाल उठाने वालों को गालियाँ देने वाले कौन हैं। किनके बीच के हैं और किसके लिए हैं । आप गाली खाते रहिए और लड़ते रहिए। हर गाली को जमा कीजिये। उन पर बात कीजिये । ये बहुत ज़रूरी है ताकि पोल खुले दुनिया के सामने कि इक्कीसवीं सदी के इस साल में कैसे पत्रकारों और महिला पत्रकारों को गंदी गालियाँ दिलवाकर कुछ लोग नैतिक शिक्षा की दुकान चला रहे हैं । एक दिन सबको पता चलेगा। ये समाज उस दिन पूछेगा जिस दिन हम नहीं होंगे। जब लोग जयकारे से थक जायेंगे। जब विज्ञापन का रंग उतर जायेगा और साइबर सेल के नौजवान थक जायेंगे। एक दिन नौजवान पलटकर अपने उन आकाओं के कॉलर पकड़ लेंगे जिन्होंने उनसे गालियाँ दिलवाईं । इसलिए कोई गाली दे तो बस इतना ही कह दीजियेगा कि भाई देखो मैं सिन्धु हूँ और तुम मुझसे हो न कि मैं तुमसे। मेरे नाम के स अक्षर को ह न पुकारा जाता तो तुम क्या होते ?


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