मल्हार मीडिया डेस्क।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टर्स के लिए नियामक ढांचा तैयार करने के संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया है।
वर्तमान में, भारत में बॉडकास्ट इंडस्ट्री सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत काम करता है, जो टेलीविजन चैनलों को सैटेलाइट आधारित अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग का उपयोग करके अपना कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) तक पहुंचाने का निर्देश देता है।
हालांकि, नई तकनीकों के आगमन के साथ अब ब्रॉडकास्टर्स के लिए ग्राउंड-बेस्ड टेरेस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के माध्यम से टीवी चैनलों का प्रसारण करना संभव हो गया है, जिससे ब्रॉडकास्टर्स और DPOs दोनों के लिए डिस्ट्रीब्यूशन के अधिक विकल्प खुल सकते हैं।
ये ग्राउंड-बेस्ड चैनल, सैटेलाइटआधारित चैनलों की तरह ही, कई DPO नेटवर्क के माध्यम से वितरित किए जा सकते हैं और व्यावसायिक शर्तों पर ग्राहकों तक फिर से प्रसारित किए जा सकते हैं।
इस तकनीकी बदलाव को ध्यान में रखते हुए, TRAI का उद्देश्य एक ऐसा नियामक ढांचा तैयार करना है, जो टेरेस्ट्रियल ब्रॉडकास्टिंग तकनीकों के उपयोग को सुगम बनाए और इंडस्ट्री के मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करे।
TRAI ने पहले भी प्लेटफॉर्म सेवाओं के नियमन पर MIB को नवंबर 2014 में कुछ सिफारिशें दी थीं, जिसमें ग्राउंड-बेस्ड ब्रॉडकास्टिंग से जुड़े कुछ तत्व शामिल थे।
हालांकि, MIB ने 22 मई, 2024 को एक पत्र के माध्यम से बताया कि 2014 से अब तक इस संदर्भ में कई बदलाव हो चुके हैं।
इन परिवर्तनों की समीक्षा के बाद, MIB ने TRAI से वर्तमान प्रसारण परिदृश्य के अनुसार नए सिफारिशें देने का अनुरोध किया है। यह प्रक्रिया TRAI अधिनियम, 1997 की धारा 11(1)(a) के तहत की जा रही है।
TRAI ने इस प्रक्रिया के हिस्से के रूप में परामर्श पत्र जारी किया है और इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से प्रतिक्रिया आमंत्रित की है। स्टेकहोल्डर्स को 15 नवंबर तक अपने लिखित सुझाव जमा करने होंगे, जबकि 29 नवंबर तक काउंटर-कमेंट्स स्वीकार किए जाएंगे।
TRAI का यह कदम भारतीय ब्रॉडकास्ट इंडस्ट्री में नए अवसरों और तकनीकी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
समाचार4मीडिया
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