मल्हार मीडिया डेस्क।
तहलका मैगजीन के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल और पत्रकार अनिरुद्ध बहल ने दिल्ली हाई कोर्ट को यह भरोसा दिया है कि वह 2001 में सेना के एक पूर्व अधिकारी को बदनाम करने के मामले में अंग्रेजी के राष्ट्रीय अखबार में बिना शर्त माफी मांगेंगे। ये माफीनामा पूर्व मेजर जनरल एम.एस अहलूवालिया के लिए लिखा जाएगा।
ये बात उन्होंने कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष कही है। तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल की ओर से कहा गया कि वे माफीनामे में ये साफ करेंगे कि एम.एस अहलूवालिया ने न तो कोई रिश्वत मांगी थी और न ही ली थी।
सुनवाई के दौरान तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल ने हाई कोर्ट से कहा कि वे दस-दस लाख रुपये हाई कोर्ट में जमा कराने को तैयार हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि दस-दस लाख रुपये की रकम दो हफ्ते में जमा कराएं।
दरअसल हाई कोर्ट तरुण तेजपाल की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें तेजपाल ने हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 21 जुलाई 2023 को सेना के पूर्व अधिकारी मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल को आदेश दिया था कि वे मेजर जनरल अहलूवालिया को बदनाम करने की एवज में दो करोड़ रुपये का मुआवजा दें।
सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि अहलूवालिया की छवि न केवल आम लोगों की नजर में खराब हुई, बल्कि उन आरोपों से वे उबर नहीं पाए। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ तेजपाल और बहल ने पुनर्विचार याचिका के रूप में चुनौती दी। सिंगल बेंच ने दोनों की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया।
गौरतलब है कि साल 2001 में, तहलका ने 'ऑपरेशन वेस्ट एंड' के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि तब मेजर जनरल एम.एस अहलूवालिया ने रक्षा सौदों में रिश्वत ली। स्टिंग ऑपरेशन tehelka.com और जी टीवी नेटवर्क पर दिखाया गया था। इस पर मेजर जनरल अहलूवालिया ने मानहानि का केस किया था। अहलूवालिया ने मानहानि याचिका में जी टेलीफिल्म लिमिटेड, इसके चेयरमैन सुभाष चंद्रा और पूर्व सीईओ संदीप गोयल को भी आरोपी बनाया था लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश दिया।
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