मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश अटेर विधानसभा उपचुनाव निर्वाचन क्षेत्र में अपने प्रवास के दौरान प्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीनासिंह द्वारा संबंधित विधानसभा उपचुनाव के संबंध में आयोजित राजनैतिक दलों, जिला निर्वाचन अधिकारी और लोकतंत्र के चौथे महत्वपूर्ण स्तंभ मीडिया की उपस्थिति में संपन्न बैठक व इस दौरान ईव्हीएम मशीन द्वारा मतदान संबंधी (डिमास्ट्रेशन) प्रदर्शन में श्रीमती सिंह के ही द्वारा ईव्हीएम मशीन पर उंगली से मतदान का बटन दबाये जाने पर भाजपा के चुनाव-चिन्ह ‘कमल’ की पर्ची लगातार निकलने की घटना और इसके प्रसारण/ प्रकाशन किये जाने को लेकर उनके द्वारा मीडिया को दी गई धौंस को कांग्रेस पार्टी ने बहुत गंभीरता से लेते हुए एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उत्तरप्रदेश सहित पांच राज्यों के हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद गैर भाजपा समर्थित राजनैतिक दलों द्वारा ईव्हीएम मशीन की विश्वसनीयता पर लगाये गये आरोप अब स्वतः मध्यप्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की उपस्थिति में ही प्रामाणिक साबित हो गये हैं !
पार्टी का यह भी गंभीर आरोप है कि केंद्र और राज्य सरकारें तानाशाही और अधिनायकवादी रवैया अपनाकर ईव्हीएम-एटीएम मशीनों के माध्यम से जनादेश न केवल खरीद रहीं हैं, बल्कि चुनावों के माध्यम से होने वाले लोकतांत्रिक अनुष्ठानों में राजनैतिक/ प्रशासनिक डकैती कर लोकतंत्र की हत्या भी कर रही हैं। यही नहीं, मीडिया को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जेल भेजने की दी गई धमकी भी इस बात का प्रमाण है कि निर्वाचन आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों व उद्देश्यों से हटकर भाजपा के पक्ष में जनादेश उपलब्ध कराने हेतु उसके एजेंट के रूप में काम कर रहा है।
कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट मत है कि ईव्हीएम मशीन को लेकर राष्ट्रीय राजनैतिक दल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने ही नहीं भाजपा के वरिष्ठतम नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा सांसदगण किरीट सौमैया और सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इसकी विश्वसनीयता पर न केवल प्रश्न-चिन्ह लगाया, यही नहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जे.व्ही. एल. नरसिम्हाराव ने तो इस बाबत् एक पुस्तक क्म्डव्ब्त्।ब्ल् ।ज् त्प्ैज्ञ घ् तक लिखी है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने समक्ष इस विषयक लंबित याचिका को लेकर भारत निर्वाचन आयोग से इन शंकाओं को दूर करने हेतु निर्देशित किया। जिसके परिपालन में निर्वाचन आयोग ने अब मतदान के दौरान मतदाताओं को ईव्हीएम मशीन के माध्यम से पर्चियां (स्लिप) दिये जाने का निर्णय प्रसारित किया है, किन्तु मध्यप्रदेश में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की मौजूदगी में ईव्हीएम मशीन के प्रदर्शन के दौरान कई पर्चियां कमल के निशान की ही उगले जाने के बाद भारत सरकार के निर्वाचन आयोग का उल्लेखित निर्णय भी शंका के दायरे में आ गया है?
कांग्रेस पार्टी अब निर्वाचन आयोग के उस दावे को भी र्निमूल साबित कर रही है, जिसमें हाल ही में आयोग द्वारा यह कहा गया है कि ईव्हीएम मशीन के साथ किसी भी प्रकार की टेम्परिंग नहीं की जा सकती है ? यदि आयोग का कथन सही है तो कल अटेर में मध्यप्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा ईव्हीएम मशीन के प्रदर्शन के दौरान जब इस मशीन से ही कमल निशान की कई पर्चियां तब निकली है, जब कमल का निशान एक नंबर पर था और डेमो के दौरान श्रीमती सलीनासिंह द्वारा चार नंबर का बटन दबाये जाने के बाद इस नंबर से कमल निशान की ही पर्चियां कैसे निकल रही थीं? इस स्थिति में साफ है कि ईव्हीएम मशीनें सुरक्षित नहीं है, जिनमें टेम्परिंग की जा सकती हैं !
कांग्रेस पार्टी को ईव्हीएम मशीन की अविश्वसनीयता को लेकर सामने आये इस पुख्ता प्रमाण के बाद उक्त दोनों ही निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान निष्पक्ष नहीं होने की पूरी आशंका है। लिहाजा, पार्टी की मांग है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अरूण यादव द्वारा निर्वाचन आयोग से अटेर एवं बांधवगढ़ के उपचुनाव ईव्हीएम मशीन से ना कराये जाने के पूर्व में किये गये अनुरोध पर आयोग इन दोनों क्षेत्रों में मतपत्रों से मतदान कराये ताकि, संविधान की मंशाओं और मजबूत लोकतंत्र की स्थापना का उद्देश्य सार्थक हो सके।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जो स्वयं मध्यप्रदेश कॉडर की आईएएस अधिकारी हैं, उनके स्थान पर किसी गैर भाजपा/ कांग्रेस शासित राज्य के किसी वरिष्ठ अधिकारी को भारत सरकार का निर्वाचन आयोग मध्यप्रदेश में पदस्थ करे।
निर्वाचन आयोग की मंशाओं के विपरीत और आयोग की विश्वसनीयता पर अपनी मौजूदगी में प्रश्न-चिन्ह लगाने वाली मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती सलीनासिंह द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को धमकाने जैसी गंभीर घटना का उल्लेख उनकी ‘‘गोपनीय चरित्रावली’’ में अंकित होने के साथ उनके विरूद्व आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो।
अटेर विधानसभा उपचुनाव निर्वाचन क्षेत्र के इस दौरान मौजूद जिला निर्वाचन अधिकारी सहित, उन सभी अधिकारियों को मैदानी पदस्थी से तत्काल हटाया जाये, जिनकी प्रामाणिक शिकायतें कांग्रेस पार्टी ने निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत की हैं।
आखिरकार क्या कारण है कि देश/ प्रदेश में चुनाव परिणाम आने के पहले और प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री विभिन्न चुनाव परिणाम आने के पहले ही भाजपा के पक्ष में परिणामों और उन्हें मिलने वाली सीटों की संख्या की सटीक भविष्यवाणी कर देते हैं, उसका सीधा कारण इन्हीं ईव्हीएम मशीने के माध्यम से सामने आ गया है।
ईव्हीएम मशीन की अविश्सनीयता के आये इस पुख्ता प्रमाण और निर्वाचन आयोग की संदिग्ध भूमिकाओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस न्याय पालिका का भी सहारा लेगी।
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