मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्य प्रदेश सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवारों को अलग-अलग पदों और विभागों के लिए बार-बार परीक्षा नहीं देनी होगी। ‘संयुक्त भर्ती परीक्षा नियम-2025’ के तहत अब एक ही परीक्षा से कई पदों पर चयन किया जाएगा।
यह नियम MPPSC (लोक सेवा आयोग) और ESB (कर्मचारी चयन मंडल) दोनों पर लागू होगा। अगर किसी पद के लिए 500 से कम आवेदन आते हैं, तो आयोग केवल इंटरव्यू या शैक्षणिक अंकों के आधार पर मेरिट बना सकेगा।
सीनियर सेक्रेटरी कमेटी ने मसौदे को मंजूरी दे दी है और अब इसे कैबिनेट बैठक में पेश किया जाएगा। नए नियम लागू होने के बाद प्रदेश की राज्य सेवा परीक्षा से लेकर समूह-2, 3, 4 और अन्य भर्तियों की प्रणाली पूरी तरह बदल जाएगी।
हर साल 30 सितंबर तक विभाग भेजी जाएगी खाली पदों की जानकारी
सभी विभागों को हर साल 30 सितंबर तक अपने रिक्त पदों की सूची MPPSC को भेजनी होगी। आयोग उन्हीं पदों के आधार पर संयुक्त परीक्षा आयोजित करेगा। आवेदन के समय उम्मीदवारों को अपनी योग्यता के अनुसार विभिन्न विभागों और पदों की प्राथमिकता देनी होगी।
चयन मेरिट और प्राथमिकता के आधार पर होगा।
तीन तरह से होंगी परीक्षाएं
गौरतलब है कि राज्य सेवा परीक्षाएं तीन चरणों में होंगी। प्रारंभिक परीक्षा केवल क्वालिफाइंग के लिए होगी, उसके बाद मुख्य परीक्षा वर्णानात्मक और फिर इंटरव्यू होगा। ESB अब पांच प्रमुख समूहों में संयुक्त परीक्षाएं आयोजित करेगा। विभागों को अपने रिक्त पद इन्हीं समूहों के अनुसार भेजने होंगे।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया रहेगी अलग
शिक्षक भर्ती इस नई प्रणाली का हिस्सा नहीं होगी। इसके लिए पहले TET (Teacher Eligibility Test) और फिर चयन परीक्षा होगी। MPPSC और ESB दोनों में उम्मीदवारों को विभाग व पद की प्राथमिकता आवेदन के समय ही देनी होगी, ताकि चयन प्रक्रिया पारदर्शी हो सके।
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