मल्हार मीडिया ब्यूरो।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से कहा कि जेएनयू में छात्रों के बड़ी संख्या में प्रदर्शन ये संकेत देते हैं कि कहीं कुछ गलत है। अदालत ने छात्रों को प्रशासन खंड के पास प्रदर्शन करने की अनुमति देते हुए यह टिप्पणी की।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने यह टिप्पणी उस समय की जब जेएनयू ने कहा कि बीते नौ महीने में परिसर में 92 प्रदर्शन हुए और विश्वविद्यालय के कामकाज में बाधा पड़ी। छात्रों को विश्वविद्यालय का कामकाज होने देने की अनुमति देते हुए अदालत ने उन्हें प्रशासन खंड के फुटपाथ एवं सामने के पार्क में इस शर्त के साथ प्रदर्शन करने की अनमुति दी कि इमारत के प्रवेश एवं निकास मार्गों को बंद नहीं किया जाए और ध्वनि स्तर कम रखा जाए।
इसके साथ अदालत ने नौ मार्च के पिछले उस आदेश में संशोधन किया जिसमें छात्रों को खंड के सौ मीटर के भीतर प्रदर्शन से रोका गया था। अदालत ने पिछले आदेश को जारी रखने के जेएनयू का अनुरोध ठुकरा दिया।
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