मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा, डीएमके की राज्यसभा सदस्य कनिमोझी और दो अन्य के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सुनवाई एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को 25 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश ओ.पी. सैनी ने इस मामले में दाखिल दस्तावेजों की संख्या और तकनीकी प्रकृति की वजह से इसकी सुनवाई स्थगित कर दी।
न्यायाधीश ने कहा कि इन दस्तावेजों के अध्ययन में काफी समय लग सकता है और जरूरत पड़ने पर अन्य स्पष्टीकरण के लिए मामले की सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तिथि तय कर दी।
अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई पर इस मामले में फैसले की तिथि निर्धारित की जाएगी।
अदालत 2जी स्पेक्ट्रम मामले के अंतर्गत दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रहा है। एक की जांच सीबीआई कर रही है और दूसरे की जांच प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) कर रहा है। 26 अप्रैल को न्यायालय में इस मामले में अंतिम बहस पूरी हो गई थी।
सीबीआई के अनुसार, ए. राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन और दूरसंचार कंपनियों को लाइसेंस देने के मामले में पक्षपातपूर्ण निर्णय लिए थे, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ था।
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि डीबी ग्रुप की ओर से 200 करोड़ रुपये कलैगनार टीवी को स्थानांतरित किए गए, जो स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटित करने के लिए रिश्वत थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि एस्सार समूह के प्रमोटर लूप टेलीकॉम को जारी किए गए स्पेक्ट्रम और लाइसेंस के वास्तविक लाभार्थी और निवेशकर्ता हैं।
वहीं ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्डरिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी ने राजा, कनिमोझी, डीएमके प्रमुख करुणानिधि की पत्नी अम्माल और अन्य के खिलाफ इस मामले में साजिश रचने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि राजा समेत सभी आरोपी जमानत पर हैं और 25 अक्टूबर को अदालत एस्सार और लूप के प्रमोटरों के खिलाफ 2जी मामले में भी स्पष्टीकरण पेश करने के लिए कहेगा।
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