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कोचों का एक समूह तैयार किया जाना जरूरी - राठौड़

राष्ट्रीय            Feb 27, 2018


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि भारत में विभिन्न खेलों में कोचों का एक समूह तैयार किया जाएगा, क्योंकि विशेषज्ञ कोचिंग और प्रभावी प्रशिक्षण के अभाव के कारण ही भारत विश्व स्तर की प्रतिभा का उत्पादन नहीं कर पा रहा है। राजधानी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में विभिन्न संघों, लीगों और कंपनियों से आए हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए राठौड़ ने यह बात कही।

राठौड़ ने कहा, "देश में विशेषज्ञ कोचिंग और प्रभावी प्रशिक्षण की कमी है और इसी कारण हम विश्व स्तर की प्रतिभा का निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए खिलाड़ियों की गुणवत्ता में और कोचों के कौशल में सुधार के लिए हम कोचों के एक समूह को तैयार करने हेतु एक कार्यक्रम के निर्माण की योजना बना रहे हैं। इसके लिए हम अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के साथ जुड़ेंगे।"

खेल मंत्री ने कहा, "कोचों का यह समूह खेल विश्वविद्यालयों में एक पाठ्यक्रम को तैयार करने में मदद करेगा। ये पाठ्यक्रम देश के लोगों को सभी खेलों में विशेषज्ञ प्रशिक्षण और कोचिंग तक पहुंचने में मदद करेगा।"

राठौड़ ने कहा कि वह भारत को दुनिया के लिए एक खेल उपकरण विनिर्माण केंद्र बनते देखना चाहते हैं। राजधानी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में विभिन्न संघों, लीगों और कंपनियों से आए हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए राठौड़ ने यह बात कही।

राठौड़ ने इस बात पर भी जोर दिया कि खेल की ओर देश की और संघों की मानसिकता बदलने की जरूरत है।

संवाददाताओं को दिए बयान में राठौड़ ने कहा, "खेल की तरह और कोई भी चीज क्षेत्रों में बाधाओं को पार नहीं कर सकती। हम भारत को खेल की दुनिया का एक शक्तिशाली देश बनाना चाहते हैं और इसके लिए हमें निजी क्षेत्रों समर्थन की जरूरत है।"

राठौड़ ने कहा, "वर्तमान में हम दो कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पहला ओलम्पिक पोडियम के तहत खेल में उत्कृष्टता को लाना और दूसरा खेलों इंडिया के जरिए खेल की व्यापक आधारशिला रखना।"

खेल मंत्री ने कहा कि 2018 भारत में खेल के लिए सबसे बेहतरीन होने वाला है।

उन्होंने कहा, "हम खेलों की ओर लोगों की मानसिकता बदलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए खेल के आसपास का वातावरण फिर से उत्पन्न करने की जरूरत है। इसमें शिक्षा, कौशल, प्रशिक्षण, प्रसारण, कार्यक्रम आदि शामिल हैं।"



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