मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए। इससे पहले चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए गुरुवार को नई दिल्ली में 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास में बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हुए।
बैठक के बाद अधीर रंजन चौधरी ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार ने पहले से ही चुनाव आयुक्तों के नाम तय कर रखे थे। अधीर रंजन चौधरी ने उसी वक्त बताया था कि सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी है।
पूर्व चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के बीते दिनों हुए इस्तीफे की वजह से चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्तों के पद खाली थे। इन्हीं पदों पर नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई थी।
1988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उनका जन्म 1964 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। मई 2016 में ज्ञानेश को गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया गया था। वहीं मई 2022 में ज्ञानेश कुमार को सहकारिता मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया था। उस वक्त ज्ञानेश संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। ज्ञानेश कुमार के गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद-370 हटा था।
सख्त और अनुशासित प्रशासकों में रहे संधु निभा चुके हैं कई अहम जिम्मेदारी
उत्तराखंड कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधु 31 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद उनके लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए उन्हें लोकपाल कार्यालय में सचिव पद की अहम जिम्मेदारी दी गई थी।
प्रशासनिक अनुभव के तौर पर देखें तो अपने सेवाकाल में डॉ. संधु ने कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।
वह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
जुलाई 2021 में वह उत्तराखंड के 17वें मुख्य सचिव बने।
जून 2023 में उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही उन्हें छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया।
वह पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सचिव रहे।
राज्य गठन से पहले वह हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी भी रहे।
पंजाब सरकार में उन्होंने सीएम प्रकाश सिंह बादल के विशेष सचिव का दायित्व निभाया।
गडकरी कर चुके तारीफ
2019 में वह राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष बने। उनके इस कार्यकाल के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री भी कायल हो गए। गडकरी ने संधु की तारीफ में सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थी कि उनके कार्यकाल के दौरान कोविड 19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्गों का रिकार्ड निर्माण हुआ। विवादों के समाधान निकले और पुरस्कार हासिल हुए। संधु का यह सर्वश्रेष्ठ कार्यकाल था।
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