मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारत ने सोमवार को परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का ओडिशा के तट से परीक्षण किया है। इसकी रेंज करीब 6000 किलोमीटर तक है। अग्नि-5 की जद में पाकिस्तान, चीन और यूरोप समेत आधी दुनिया है। अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन के बाद भारत इंटरकॉन्टीनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने वाला 5वां देश है। अग्नि-5 का ये चौथा परीक्षण है। पहली बार 2012 में इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था।
यह मिसाइल 17 मीटर लंबा, दो मीटर चौड़ा और इसका भार करीब 50 टन है। मिसाइल एक टन से अधिक वजन का परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम होगा। यह मिसाइल नैविगेशन, गाइडेंस, वारहेड और इंजन के मामलों में नई तकनीक से लैस है। भारत के पास पहले से700 किलोमीटर तक मार करने वाला अग्नि-1, 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम अग्नि-2, 2500 किलोमीटर कर मार करने वाला अग्नि-3 और 3500 किलोमीटर तक मार करने वाले अग्नि-4 मिसाइल है। इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है।
इससे पहले भी अग्नि-5 का चार बार परीक्षण किया जा चुका है। अग्नि-5 का पहला टेस्ट अप्रैल 2012, दूसरा सितंबर 2013 और तीसरा जनवरी 2015 में हुआ। यह मिसाइल चीन के सुदूर उत्तरी इलाकों को भी निशाना बनाने में सक्षम है।
पहले इसे साल 2015 तक सेना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन पिछले परीक्षण में सामने आई तकनीकी खराबियों के चलते इसे टाल दिया गया था। अग्नि मिसाइलें परमाणु हमलों के खिलाफ भारत की प्रतिरोधी क्षमता का अहम हिस्सा हैं। इन मिसाइलों की रेंज 700 किलोमीटर से शुरु होती है और अब अग्नि 5 आने के बाद ये 5500 किलोमीटर तक हो गई है।
जनवरी 2015 में किए गए आखिरी टेस्ट की खासियत यह थी कि मिसाइल को एक लॉन्चर ट्रक पर रखे कनस्तर से दागा गया। एक बार अग्नि-5 के सेना में शामिल होते ही भारत आईसीबीएम मिसाइलों (5000-5500 km रेंज) वाले बेहद सीमित देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। इन देशों में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं।
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