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राष्ट्रपति चुनाव - मीरा कुमार ने दाखिल किया नामांकन

राष्ट्रीय            Jun 28, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीताराम येचुरी, शरद पवार जैसे विपक्ष के कई नेताओं की मौजूदगी में नामांकन भरा। नामांकन से पहले मीरा कुमार बुधवार सुबह राजघाट पहुंची।

नामांकन भरने के बाद मीरा कुमार ने कहा कि "बहुत जगह ये चर्चा है कि दो दलित आमने-सामने हैं। हम अभी भी ये आकलन कर रहे हैं कि समाज किस तरह सोचता है। जब उच्च जाति के लोग उम्मीदवार थे, तो उनकी जाति की चर्चा नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि जाति को गठरी में बांधकर जमीन में गाड़ देना चाहिए, और आगे बढ़ना चाहिए।" 

उन्होंने आगे कहा कि "विपक्ष की पार्टियों ने सर्वसम्मति से मुझे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया। विपक्षी दलों की एकता समान विचारधारा पर आधारित है। लोकतांत्रिक मूल्यों, पारदर्शिता, प्रेस की आजादी और गरीब का कल्याण हमारी विचारधारा के अंग हैं, इनमें मेरी गहरी आस्था है। इस चुनाव में मैं इस विचारधारा पर ही राष्ट्रपति चुनाव लडूंगी। मैंने सभी निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिख मेरा समर्थन करने की अपील की है, उनके सामने इतिहास रचने का अवसर है। मैं अपना प्रचार साबरमती आश्रम से शुरू करुंगी।"

राष्ट्रपति चुनाव में अभी तक भले ही 64 नामांकन भरे जा चुके है किन्तु वास्तविक उम्मीदवार 57 से कम है क्योंकि इनमें से कुछ ने कई नामांकन पत्र भरे हैं क्योकि एक उम्मीदवार चार पर्चे तक भर सकता है। निर्वाचन अधिकारी ने कुछ नामांकन पत्र पहले ही खारिज कर दिए थे क्योंकि उनके साथ 15 हजार रुपये की जमानत राशि नहीं थी और यह प्रमाणपत्र नहीं था कि उम्मीदवार किसी लोकसभा क्षेत्र का प्रमाणित मतदाता है।

मीरा कुमार एवं कोविंद के अलावा अन्य बचे लोगों के नामांकन पत्र 29 जून को खारिज होने की संभावना हैं क्योंकि उनके नामांकन पत्रों में 50 प्रस्तावकों और 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर नहीं होंगे। लोकसभा एवं राज्यसभा तथा राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव एवं अनुमोदन कर सकते हैं क्योंकि वे ही आनुपातिक आधार पर राष्ट्रपति का निर्वाचन करते हैं।

गौरतलब है कि मीरा कुमार का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से है। एजुकेशन के लिहाज से देखा जाए तो रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं। दोनों ने वकालत की पढ़ाई की है। इस समय मीरा कुमार 72 जबकि रामनाथ कोविंद 71 साल के हैं। 

लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है। असल में वे पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठ‍ित कॉलेज से पढ़ाई की है। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं।

दूसरी तरफ, कोविंद कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए। उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है। कोविंद का चयन भी प्रशासनिक सेवा के लिए हो चुका था, लेकिन उन्होंने नौकरी करने की जगह वकालत करना पसंद किया।



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