मल्हार मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली।
आखिरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से चार पेज के इस्तीफे की औपचारिक लिखित घोषणा करके लगभग सवा महीने से अध्यक्ष पद पर बने रहने को लेकर जारी असमंजस खत्म कर दिया है।
संसद भवन में राहुल ने साफ कहा कि अब वह कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नहीं हैं और इस्तीफा दे दिया है। इसीलिए कांग्रेस कार्यसमिति की तत्काल बैठक बुलाकर नया अध्यक्ष चुना जाना चाहिए। राहुल ने कहा, 'मैं कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में 2019 के चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेता हूं।
पार्टी के बेहतर भविष्य के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है। पार्टी के पुनर्निर्माण के लिए कड़े फैसले लेने होंगे। इसीलिए अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी की अनदेखी कर दूसरों को जवाबदेह ठहराना अन्याय होगा।'
राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले पर किसी किंतु-परंतु की गुंजाइश खत्म करने के लिए बुधवार को पहले अपना इस्तीफा ट्वीट के जरिये सार्वजनिक किया। इसके घंटे भर बाद ही उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से कांग्रेस अध्यक्ष का पदनाम भी हटा लिया।
राहुल ने 25 मई को ही चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी जिसे कार्यसमिति ने ठुकरा दिया था।
बीते सवा महीने से पार्टी के तमाम नेता उनसे पद पर बने रहने का आग्रह कर थे। कांग्रेस के तमाम नेता गांधी परिवार से बाहर के नेतृत्व को लेकर हिचकते दिखाई दे रहे थे। पार्टी में इस वजह से असमंजस बढ़ता जा रहा था। मगर राहुल ने बुधवार को ऊहापोह को खत्म करते हुए कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर के चेहरे को नया अध्यक्ष चुनने के लिए लगभग बाध्य कर दिया है।
राहुल ने अपने इस्तीफे में पार्टी नेताओं की ओर से उन्हें उत्तराधिकारी तय करने की पेशकश का उल्लेख करते हुए कहा कि कई सहयोगियों ने सुझाव दिया कि अगला कांग्रेस अध्यक्ष मैं मनोनीत करूं। मगर उनका साफ मानना है कि कांग्रेस का नेतृत्व कोई नया चेहरा करे।
यह पार्टी के लिए अहम है मगर उस व्यक्ति का चयन करना उनके लिए सही नहीं होगा। कांग्रेस के संघर्ष और ऐतिहासिक विरासत का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि पार्टी इस बारे में सबसे अच्छा निर्णय लेगी कि कौन हमें साहस, प्रेम और निष्ठा के साथ आगे बढ़ा सकता है।
कांग्रेस में गांधी परिवार से बाहर के नेतृत्व को लेकर सहमति की अंदरूनी चुनौती को भांपते हुए राहुल ने नए अध्यक्ष के लिए वरिष्ठ नेताओं का समूह बनाने का सुझाव दिया है।
राहुल ने कहा कि कार्यसमिति में उन्होंने यह सुझाव देते हुए नए अध्यक्ष की तलाश का जिम्मा इस समूह को सौंपने की बात कही थी।
साथ ही इस प्रक्रिया और परिवर्तन को अपना पूरा समर्थन भी दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहने को अपने लिए सम्मान की बात बताते हुए राहुल ने कहा कि असीम प्यार के लिए देश और पार्टी संगठन के हमेशा कर्जदार रहेंगे।
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