मल्हार मीडिया ब्यूरो।
बहराइच में बुलडोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश आया है, जिसमें कोर्ट ने कहा कि कल तक बुलडोजर नहीं चलेगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को बुधवार तक कार्रवाई ना करने के आदेश दिए. सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि यह मामला हाईकोर्ट के समक्ष है? आप इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों से अवगत हैं.
अगर यूपी सरकार इन आदेशों का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहती है, तो यह उनकी मर्जी है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई होगी. बहराइच हिंसा के आरोपियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल यूपी सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की गई.
बहराइच हिंसा मामले के तीन आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर सज़ा देने की भावना से यह कार्रवाई कर रही है. जिन घरों पर अवैध निर्माण का नोटिस चिपकाया गया है उनमें से कुछ 10 साल तो कुछ 70 साल पुरानी प्रॉपर्टी है, केवल दिखावे के लिए कार्रवाई से पहले नोटिस जारी किया गया है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि 13 अक्टूबर को जुलूस निकाला गया था और एक घटना हुई थी. यह 3 व्यक्तियों द्वारा दायर किया गया आवेदन है, जिन्हें 3 दिनों के भीतर घर गिराने का नोटिस मिला है. आवेदक के पिता और भाई ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. ये आपके आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है. पीडब्ल्यूडी ने 3 दिनों के भीतर ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस जारी किया है.
एएसजी ने कहा कि हमने हाईकोर्ट में आश्वासन दिया है कि 20 अक्टूबर को 15 दिन का नोटिस जारी किया गया है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि हमें सुरक्षा दी जानी चाहिए, एक घर 10 साल पुराना है, दूसरा 70 साल पुराना है. इसके साथ ही जस्टिस गवई ने कहा कि उनकी रिपोर्ट कहती है कि आपका घर 30 किलोमीटर की सड़क पर है. हम इस पर कल सुनवाई करेंगे, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाए.
यूपी सरकार ने भरोसा दिलाया कि कल की सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. सुनवाई के दौरान जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि अगर यूपी सरकार हमारे आदेश की अवहेलना का जोखिम उठाना चाहती है तो वो उनकी मर्जी. वैसे हमने ये कहा है कि अगर सार्वजनिक स्थल पर अतिक्रमण है तो हम दखल नहीं देंगे - हमारे आदेश मे वो भी साफ लिखा है.
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