मल्हार मीडिया ब्यूरो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने उन आलोचकों पर पलटवार किया जो कॉरपोरेट घरानों से उनकी नजदीकी को लेकर उन पर सवाल करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह उन लोगों की तरह नहीं हैं जो उद्योगपतियों और प्रभावशाली कारोबारियों के साथ सार्वजनिक रूप से खड़े होने से घबराते हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी नीयत साफ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योगपति भी राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं और उन सभी को चोर बताना अच्छी बात नहीं है, लेकिन जो गलत करेंगे उनको या तो देश छोड़कर जाना पड़ेगा या जेल जाना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश में में विभिन्न विकासपरक परियोजनाओं के उद्घाटन के मौके पर यहां सरकार और उद्योग के बीच समन्वय पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "हम वैसे लोग नहीं हैं जो उद्योगपतियों के साथ खड़े होने से डरेंगे। आप कुछ लोगों को जानते होंगे जिनकी आपको उद्योगति/कारोबारी के साथ एक भी तस्वीर नहीं मिलेगी। लेकिन, इस देश में एक भी कारोबारी नहीं है जो इन लोगों के पास नहीं गया होगा और जिसने उनके सम्मान में सिर नहीं झुकाया होगा।"
उन्होंने कहा, "अगर आपका इरादा नेक होगा तो आप किसके साथ खड़े हैं, इसको लेकर आपके ऊपर कोई दोषारोपण नहीं होगा।" मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी को बिड़ला (उद्योगपति घनश्याम दास बिड़ला) के घर रहने में कभी कोई पछतावा नहीं हुआ।
इसी साल जनवरी में दावोस आर्थिक मंच के सम्मेलन के दौरान मोदी के साथ हीरा कारोबारी नीरव मोदी की तस्वीर को लेकर विपक्ष प्रधानमंत्री पर निशाना साधता रहा है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं। विपक्ष ने नीरव मोदी के मामा और इसी मामले में भगोड़ा आरोपी मेहुल चोकसी की प्रधानमंत्री से निकटता का जिक्र करते हुए उनपर तंज कसा है क्योंकि एक बार मोदी ने सार्वजनिक रूप से मेहुल चोकसी को मेहुल भाई कहकर संबोधित किया था।
बड़े वित्तीय घपलों के आरोपी विजय माल्या, नीरव मोदी, जतिन मेहता और ललित मोदी जैसों के देश छोड़कर भागने को लेकर भी विपक्ष मोदी पर हमलावर रहा है।
कांग्रेस ने हाल ही में मोदी पर फ्रांस के साथ राफेल जेट विमान सौदे में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए निशाना साधा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "यह किसी से छिपा नहीं है कि बहुत से लोग उद्योगपतियों से सार्वजनिक तौर पर नहीं मिलते हैं। इससे उनको घबराहट होती है। वे पर्दे के पीछे मिलते हैं, क्योंकि उनकी नीयत साफ नहीं होती है। जिनकी नीयत साफ होती है, वे सबके सामने मिलते हैं।"
उन्होंने कहा, "जैसे कोई मजदूर, किसान, कारीगर, बैंकर, सरकारी कर्मचारी देश के निर्माण में योगदान देता है, वैसे ही उद्योगपतियों की भी इसमें भूमिका होती है। क्या हमें उनका अपमान करना चाहिए, उन्हों चोर-डाकू कहना चाहिए? क्या यह कोई तरीका है?"
लेकिन, उन्होंने साफ किया कि जो कोई (कॉरपोरेट से) गलत करेगा, उसे या तो देश छोड़ना होगा या जेल जाना होगा। पहले ऐसा नहीं था क्योंकि तब पर्दे के पीछे बहुत कुछ होता था।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अमर सिंह 'ऐसे लोगों' की कई डील की जानकारी दे सकते हैं। क्या लोग नहीं जानते कि कौन किसके विमान में उड़ता था।
लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार के काम की यदि यही गति रही तो जल्द ही प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश का काम भी पूरा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 60 हजार करोड़ रुपये की परियाजनाओं का शिलान्यास किया गया है। इससे दो लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर लाभ मिलेगा लेकिन यह उद्योग इकाइयां जहां-जहां लगेंगी, वहां अप्रत्यक्ष तौर पर भी लोगों को रोजगार मिलेगा।
मोदी ने अपना चुनावी वादा याद दिलाते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता से मैंने चुनाव में वादा किया था कि विधानसभा चुनाव में जो प्यार आपने दिया है वह मैं सूद समेत लौटाऊंगा और 60 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का धरातल पर उतरना उसी प्रयास का हिस्सा है।"
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश में 60 हजार करोड़ रुपये की 81 परियोजनाओं की नींव रखी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार की जमकर सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने राज्य में निवेश लाने के लिए पिछले छह महीने में जिस तरह से काम किया है उसके बाद इस ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को रिकॉर्ड ब्रेकिंग सेरेमनी कहना सही होगा।
उन्होंने कहा कि यदि मन में किसी काम को पूरा करने की प्रतिबद्घता हो तो रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। योगी सरकार ने अपनी लगन और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है।
मोदी ने मंत्री सतीश महाना के बयान पर चुटकी लेते हुए कहा, "सतीश महाना जी अपने संबोधन के दौरान बहुत संकोच भाव से यह कह रहे थे कि उत्तर प्रदेश में 60 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास हो रहा है। हो सकता है उनकी भूख ज्यादा हो लेकिन यह एक बड़ी उपलब्धि है। उनको और उनकी टीम को अहसास नहीं है कि आज उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के लिए कितना बड़ा काम हुआ है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इस तरह के कार्यक्रम को करता रहा हूं और इस दौरान निवेश लाने के लिए किन-किन तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है, यह सब मालूम है। दूसरी ओर राजनीतिक दलों के लोग भी रास्ते में रोड़ा अटकाने का काम करते हैं लेकिन यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस निवेश के दौरान राज्य में विकास के असुंतलन को दूर करने का प्रयास किया गया है। यह सही है कि सिर्फ नोएडा और गाजियाबाद के विकास से पूरे उत्तर प्रदेश का विकास नहीं हो सकता है। उद्योग की इकाईयों को हर कोने में स्थापित करना होगा। यही काम योगी सरकार ने किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं।
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