मल्हार मीडिया ब्यूरो।
केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि एक मई से सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती नहीं लगाई जा सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में यह फैसला लिया गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से कहा, “एक मई से देश में किसी को भी आधिकारिक वाहनों पर लाल बत्ती लगाने की अनुमति नहीं होगी। इस मामले में कोई भी अपवाद नहीं होगा। जेटली ने साथ ही कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को फ्लैशर के साथ नीली बत्ती के इस्तेमाल की इजाजत देने वाले कानून में भी बदलाव कर दिया गया है।
जेटली ने कहा, “केवल परिभाषित आपातकालीन सेवाओं को ही फ्लैशर के साथ नीली बत्ती लगाने की इजाजत होगी। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने अपने ट्विटर एकाउंट पर ट्विट पोस्ट करते लिखा कि कोंग्रेस पार्टी देश में ‘लाल बत्ती संस्कृति’ पर विराम लगाने का स्वागत करती है,जिसकी शुरुआत हमने पहले ही पंजाब से की।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना भेदभाव के काम करने की कसम खाई है और तय किया है कि उनके शासनकाल में वीआईपी कल्चर का बढ़ावा नहीं दिया जाएगा। सहयोगी फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक सोमवार को योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सरकार के किसी भी मंत्री को अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। भ्रष्टाचार पर अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए उन्होंने अपने सभी मंत्रियों से अपनी आय और संपत्ति का 15 दिनों में ब्योरा देने को कहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी जावीद अहमद से मुलाकात में उन्होंने बसपा नेता मोहम्मद शमी की बदमाशों द्वारा की गई हत्या पर शोक जताया है।
यह भी जानकारी मिली है कि उन्होंने डीजीपी से कहा है कि बेहतर पुलिसिंग के लिए 15 दिनों में उनके सामने ब्लूप्रिंट पेश किया जाए। इसमें सभी जिलों के पुलिस अफसरों से राय भी लेने को कहा गया है। उनके आज देर शाम सभी मंत्रालयों के प्रधान सचिवों से मुलाकात की भी उम्मीद है। इससे पहले कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने मीडिया को बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘भ्रष्टाचार’ को समाप्त करने के संकल्प के तहत मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को अपनी आय और चल अचल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है। दोनों मंत्रियों ने बताया था कि नये विधायकों के प्रशिक्षण के लिए कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में एक कमेटी बनेगी, जिसमें प्रयास होगा कि सभी विधायकों की भलीभांति ‘ट्रेनिंग’ हो। केंद्र के भी कुछ बडे नेता आ सकते हैं। वे कक्षाएं लेंगे।’
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