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सुकमा हमले पर राजनाथ बोले,पहले से आशंका थी,नक्सली कोई बड़ा हमला करेंगे

राष्ट्रीय            Apr 24, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो छत्तीसगढ़।

गृहमंत्री जी कमाल करते हैं जब पहले से ही आशंका थी कि नक्सली कोई बड़ा हमला कर सकते हैं तो एक्शन क्यों नहीं लिया गया? क्यों इतने जवानों की जिंदगी से खेल हुआ? उस पर ये कि दोषारोपण न किया जाये। अभी भी आप लेफ़्ट विंग एक्स्ट्रीमिज़्म स्ट्रेटजी की समीक्षा की बात कर रहे हैं।

भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के बाद कहा है कि नक्सलवाद का सामना करने की रणनीति की समीक्षा की जाएगी और ज़रूरत हुई तो उसमें बदलाव भी किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में सोमवार को माओवादियों के हमले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) के 25 जवान मारे गए और सात अन्य घायल हो गए। सुकमा हमले के बाद राज्य के दौरे पर पहुँचे राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ रायपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस सिलसिले में दिल्ली में आठ मई को एक बैठक बुलाई गई है जिसमें केंद्र और कई राज्यों के अधिकारी हिस्सा लेंगे।

उन्होंने कहा,"हमने ये फ़ैसला किया है कि जो हमारी एलडब्ल्यूई (लेफ़्ट विंग एक्स्ट्रीमिज़्म) की स्ट्रैटेजी है, हम उसकी समीक्षा करेंगे और ज़रूरत हुई तो हम उसमें बदलाव भी करेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि नक्सलियों के ख़िलाफ़ केंद्र और राज्य सरकार की कार्रवाई के कारण पहले से ही ऐसी आशंका थी कि नक्सली कोई बड़ी वारदात कर सकते हैं। उन्होंने कहा,अब तक जो कार्रवाई की गई उसके कारण जो बौखलाहट है उनके अंदर, ये उसी का परिणाम है।

संवाददाता सम्मेलन में राजनाथ सिंह से ये पूछे जाने पर कि सरकार कैसे कार्रवाई कर सकती है जबकि अभी तक सीआरपीएफ़ के महानिदेशक को भी चुना नहीं जा सका है, उन्होंने कहा कि नेतृत्व का कोई संकट नहीं है और अधिकारियों की योग्यता पर सवाल उठाना उचित नहीं है।
उन्होंने ये भी कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो और भी सीनियर अफ़सरों को नियुक्त किया जाएगा।

अपने दौरे के दौरान गृहमंत्री घायल जवान शेर मोहम्मद से भी मिले। शेर मोहम्मद की हालत में तेजी से सुधार आ रहा है। उनके बाजुओं और कमर में लगी गोलियों के छर्रे निकाल लिए गए हैं। वो अब अच्छे से बातचीत भी कर पा रहे हैं। रायपुर के एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती शेर मोहम्मद से केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, हंसराज अहीर और मुख्यमंत्री रमन सिंह मिलने पहुंचे। उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से हमले के बारे में बातचीत की। शेर मोहम्मद से मुलाकात के पहले राजनाथ सिंह ने तीन और घायल जवानों का हालचाल जाना। हालांकि इन जवानों के परिजन अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं लेकिन CRPF के जवान अपने इन घायल साथियों की तीमारदारी में तनमन से जुटे हुए हैं।

मुलाकात के दौरान जब राजनाथ सिंह जवान शेर मोहम्मद से मिले तो शेर मोहम्मद ने उन्हें बस्तर के जमीनी हालात के बारे में बताया। शेर मोहम्मद ने पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों को स्पेशल पावर देने की मांग गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। उन्होंने बताया की कैसे ग्रामीणों की दगाबाजी से बस्तर में सुरक्षाबलों के जवान शहीद हो रहे हैं। शेर मोहम्मद ने बताया कि नक्सलियों ने CRPF और पुलिस पर हमला करने के लिए ग्रामीणों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया।

ग्रामीणों को सामने रख कर नक्सली सुरक्षाबलों पर हमले करते हैं। सुकमा के दोरनापाल और बुरकापाल के ग्रामीणों ने किस तरह से जवानों की मुखबिरी की और नक्सली की हमले में मदद की। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीणों को सामने देख कर CRPF के जवानों ने फायरिंग नहीं की क्योंकि इसमें ग्रामीण मारे जाते। लेकिन ग्रामीणों को ढाल बना कर नक्सलियों ने उन पर चौतरफा फायरिंग कर दी, इस हमले में CRPF के 25 जवान कैसे शहीद हुए इसका पूरा ब्यौरा शेर मोहम्मद ने गृहमंत्री को दिया।

घायल जवान शेर मोहम्मद ने अपने बयान में कहा कि मुठभेड़ में उन्होंने और उनके साथियों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। शेर मोहम्मद बोले कि मैंने खुद तीन-चार नक्सलियों के सीने में गोली मारी है। शेर मोहम्मद ने बताया कि नक्सलियों मुखबिरी के आधार पर सेंध लगाकर हमला कर दिया। हमले में करीब 300 नक्सली शामलि थे। उन्होंने कहा कि हम लोग 150 जवान थे, उसके बाद भी हमनें उनको मुंहतोड़ जवाब दिया और लगातार फायरिंग जारी रखी।


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