मल्हार मीडिया डेस्क।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर चार चरणों में मतदान संपन्न हो गया है. इस बार लोकसभा चुनाव में प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट हॉट सीट बनी थी. ऐसे में छिंदवाड़ा सीट जीतने के लिए कांग्रेस-बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का 40 सालों से कब्जा है, लेकिन इस बार बीजेपी यहां जीत का दावा कर रही है. इस बीच छिंदवाड़ा सीट को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है.
दरअसल, 'इंडिया टीवी' से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने का दावा किया है. वहीं छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी जीतेगी या नहीं? इस सवाल का जवाब देते हुए शिवराज ने कहा कि 'हम छिंदवाड़ा सीट जरूर जीतेंगे. पिछली बार भी जब उनकी (कांग्रेस) की सरकार थी, तब भी हम सिर्फ 37 हजार वोट से हारे थे. वहीं आज कांग्रेस कहीं नहीं है, कमलनाथ की विश्वसनीयता भी पूरी तरह से समाप्त हो गई है.'
उन्होंने आगे कहा कि 'कांग्रेस के लोग ही कह रहे थे कि जब तुम (कमलनाथ) ही बीजेपी की तरफ जा रहे थे. दरअसल बीच में जो घटनाक्रम हुआ उसकी वजह से वो कहीं के नहीं रहे. वो न इधर के रहे न उधर के रहे. ऐसे में जनता अब उनपर भरोसा नहीं कर रही है, लोग बीजेपी और पीएम मोदी के साथ है. इसलिए हम छिंदवाड़ा जीत रहे हैं.' वहीं कमलनाथ के बीजेपी में आने के सावल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 'उसकी गहराई मुझे पता नहीं हैं, लेकिन जनता में चारों तरफ ये चर्चा थी कि उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया. कांग्रेस ने उनके साथ जो भी व्यवहार किया हो, मैं उसकी गहराई नहीं जानता हूं.'
उपचुनाव में मिली थी बीजेपी को जीत
बता दें मध्य प्रदेश में सिर्फ छिंदवाड़ा ही एक ऐसी संसदीय सीट है, जिस पर भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक बार जीत हासिल कर पाई है. ये सीट भी बीजेपी के पास सिर्फ एक साल तक रही थी, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुंदरलाल पटवा ने उपचुनाव में कमलनाथ को हराया था. साल 1977 में भी जब पूरे देश में इंदिरा गांधी के खिलाफ लहर थी, तब भी ये सीट कांग्रेस ने ही जीती थी.
आजादी के बाद से ये सीट ज्यादातर कांग्रेस की रही है और कमलनाथ के परिवार का इस पर कब्जा 40 सालों से भी ज्यादा से है, लेकिन इस बार का लोकसभा चुनाव इस सीट के लिए बिल्कुल अलग है. ये पहला मौका है, जब कमलनाथ रात दिन छिंदवाड़ा में ही कैंप कर रहे थे और अपने बेटे नकुलनाथ के लिए प्रचार कर रहे थे.
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