मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कई वर्षों बाद मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री की भूमिका निभाएंगे। सोमवार को उन्होंने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इससे पहले उन्होंने उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकारों में अहम विभागों की जिम्मेदारी संभाली है। अब मोहन यादव की कैबिनेट में उन्हें मंत्री बनाया जा रहा है।
13 मई, 1956 को इंदौर में शंकरदयाल विजयवर्गीय के घर जन्मे कैलाश विजयवर्गीय ने विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई की और फिर एलएलबी की।विजयवर्गीय की शादी आशा विजयवर्गीय से हुई है। उनके दो बेटे हैं, जिनमें आकाश 2018 में इंदौर-3 विधानसभा से विधायक रहे हैं। इस बार कैलाश को टिकट दिया गया था, इस वजह से आकाश को टिकट नहीं मिला।
विजयवर्गीय ने 1975 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया। 1983 में इंदौर नगर निगम के पार्षद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सचिव बने। 2000 में विजयवर्गीय इंदौर नगर निगम के पहले सीधे निर्वाचित मेयर बने। अब तक उन्होंने छह विधानसभा चुनाव जीते: 1990, 1993, 1998, 2003, 2008, 2013 और 2023- कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे। सबसे खास बात यह है कि इंदौर-4, इंदौर-2, महू और अब इंदौर-1 का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली सीटों पर चुनाव लड़े और उन्हें भाजपा का गढ़ बना दिया।
कैलाश विजयवर्गीय ने 2003 में उमा भारती के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। लोक निर्माण विभाग में लंबे अरसे तक मंत्री रहे। फिर बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकारों में भी मंत्री रहे। 2018 में राष्ट्रीय राजनीति में सक्रियता की वजह से उनके बेटे आकाश को इंंदौर-3 से टिकट दिया गया, जिसने जीत हासिल की।
2014 में कैलाश विजयवर्गीय को हरियाणा के विधानसभा चुनावों से पहले प्रभारी बनाया गया। यहां उन्होंने भाजपा को चार से 47 सीटों पर पहुंचाया। उनकी इस सफलता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल का प्रभार सौंपा। वहां भी उन्होंने भाजपा को दूसरे नंबर की पार्टी बनाने में अहम भूमिका निभाई।
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