ऋतुपर्ण दवे।
उच्च न्यायालय ने लालकृष्ण आडवाणी को बरी कर दिया था लेकिन फिर भी सीबीआई को क्यों लगने लगा कि उनके सहित 13 लोगों के खिलाफ बावरी विध्वंश के षडयंत्र और दूसरी धाराओं में मुकदमा चलाया जाए। पहली बार इसकी मांग 9 फरवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट में अपील करके 21 लोगों के खिलाफ की गई थी। बाद में कई घटनाक्रम बदले, सरकारें भी बदलीं और अब केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकारें हैं तो फिर 1992 के बाबरी विध्वंश में सीबीआई ने इसी 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द करने की गुजारिश और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्णु आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की अपील कर दी।
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