मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मनोहर पर्रिकर गोवा के दोबारा मुख्यमंत्री बन गए हैं। आज गोवा की राजधानी पंजिम में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उनके साथ दस मंत्रियों ने भी शपथ ली। पर्रिकर ने गोवा विधान सभा चुनाव के नतीजे बाहर आने के बाद रक्षा मंत्री के पद से इस्तेफ़ा दे दिया था।
रंगारंग शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय जनता पार्ट्री के अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह शामिल थे। चुनाव में भाजपा को 40 विधानसभा सीटों में से केवल 13 सीटें मिली थी, जबकि कांग्रेस को 18। सरकार बनाने के लिए 21 सीटें चाहिए। भाजपा ने दो छोटी पार्टियों और आज़ाद उम्मीदवारों की मदद से 22 विधायकों का समर्थन का दावा किया है। इससे पहले राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था। लेकिन कांग्रेस ने गवर्नर के इस फैसले को सोमवार शाम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने पर्रिकर सरकार के शपथ समारोह पर कोई पाबन्दी नहीं लगाई लेकिन उन्हें 16 मार्च को सुबह 11 बजे विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया है। अदालत में सरकार की तरफ से पैरवी की वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जबकि कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी की याचिका पर कहा कि यदि आपके पास बहुमत था तो आपको राज्यपाल के आवास के बाहर धरना देकर अपने विधायकों की संख्या के बारे में बताना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया।
कांग्रेस पार्टी ने अदालत को बताया कि उसके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या है। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को चीफ जस्टिस जेएस खेहर के आवास पर याचिका दायर की थी। इसके बाद उन्होंने तुरंत एक विशेष पीठ का गठन किया था क्योंकि शीर्ष अदालत होली पर एक सप्ताह के अवकाश पर है। गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए। दूसरी तरफ़ भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा नहीं पेश किया. इसी कारण उनके लोग आगे बढ़े।
भाजपा के मुताबिक उसे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। अब पर्रिकर को 16 मार्च को सुबह 11 बजे विश्वास मत हासिल करना होगा।
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