मल्हार मीडिया ब्यूरो।
दिल्ली के उप-राज्यपाल पद से इस्तीफा देने से पहले नजीब जंग ने अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ अनियमितता के 7 मामले सीबीआई को सौंपे थे। इनमें से कुछ मामले शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित हैं, जिसने पिछले साल नवंबर में एलजी कार्यालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जांच एजेंसी ने जंग के कार्यालय से मिली जानकारी के आधार पर दो एफआईआर भी दर्ज कर ली हैं और एक शुरुआती जांच (पीई) भी कर दी है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ”सीबीआई दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के संबंध में चार और मामलों की जांच कर रही है। अगर आरोप सही पाए गए तो और मामले दर्ज किए जाएंगे।” सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए दोनों मामले शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित हैं जिसमें आप विधायक अमानतुल्लाह खान पर एफआईआर भी शामिल है। खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी।
सीबीआई ने जिस दूसरे मामले में एफआईआर दर्ज की है, वह चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में सीनियर रेजिडेंट, निकुंज अग्रवाल की दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के ओएसडी के तौर पर नियुक्ति का है। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार द्वारा की गई एक और नियुक्ति जिसमें एक मंत्री के रिश्तेदार शामिल हैं, की पीई दर्ज की गई है।
पिछले साल अक्टूबर में, जंग ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के पुर्नगठन और इसके चेयरमैन की नियुक्ति को ‘अवैध और शून्य’ घोषित कर दिया था। जंग के इस कदम से उनके और आप सरकार के बीच तल्खी और बढ़ गई थी। अमानतुल्लाह को जहां वक्फ बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया था, वहीं रिटायर्ड आईपीएस महबूब आलम को सीईओ बनाया गया था। दोनों ही नियुक्तियों को ‘सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन नहीं प्राप्त होने के लिए’ एलजी ने खारिज कर दिया था। एलजी के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि आप सरकार द्वारा किए गए ‘अच्छे कार्यों’ को नुकसान पहुंचाने के लिए ‘रोड़े’ अटकाए जा रहे हैं।
दक्षिणी दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से विधायक अमानतुल्लाह को पिछले साल सितंबर में एक रिश्तेदार द्वारा यौन शोषण की शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया गया था। शुंगलू कमेटी आप कार्यकाल में हुए फैसलों की 400 से ज्यादा फाइलों की जांच के लिए बनाई गई थी। कमेटी ने 27 नवंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट देखने के बाद मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था।
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