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पटवारी का सीएम पर आरोप खनन माफियाओं को उपकृत करने हो रही नर्मदा सेवा यात्रा

राजनीति, राज्य            Feb 09, 2017


मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नर्मदा सेवा यात्रा का ढोंग कर जनता की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। यह आरोप कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने लगाए हैं। गुरुवार को कांग्रेस विधायक ने अपने निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को यह जानकारी दी। इस दौरान युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी भी मौजूद थे।

कांग्रेस विधायक ने कहा है कि, नर्मदा सेवा यात्रा अवैध खनन और प्रदूषण को रोकने के लिए नहीं बल्कि खनन माफियाओं को उपकृत करने व अवैध खनन के लिए उपयुक्त खदान खोजने के लिए की जा रही है। आलम यह है कि प्रदेश में नर्मदा नदी में बेखौफ अवैध खनन हो रहा है और शिवराज नर्मदा सेवा की बात कर रहे हैं।

जीतू पटवारी ने कहा -एनजीटी के स्पष्ट निर्देश के बाद भी सरकार नर्मदा नदी में भारी वाहन को प्रतिबंधित नहीं करा सकी। कुछ दिनों पहले ही अवैध उत्खनन मामले में सीएम शिवराज सिंह चौहान के भतीजे के 4 हाइवा पकड़े गए थे। नर्मदा नदी के किनारे जितनी रेत खदानें वैध हैं, उससे कई गुना अवैध खदानें चल रही हैं। अवैध खदानें या तो सीएम के रिश्तेदारों की हैं या फिर इन खनन माफियाओं को शिवराज का संरक्षण प्राप्त है। मप्र प्रदूषण बोर्ड का दावा है कि प्रदेश में जितनी भी रेत खदानें चल रही है उनमें से अधिकांश के पास पर्यावरण मंजूरी नहीं है। अमरकंटक से लेकर होशंगाबाद तक नर्मदा किनारे रेत खनन के लिए खनिज विभाग ने जहां खदानें दी थी, उससे कई गुना ज्यादा क्षेत्र में खनन हो चुका है। अवैध खनन की बीमारी ने मप्र को इस तरह ग्रसित कर लिया है कि विगत 11 साल में सरकार को 3,355 करोड़ रुपए की चपत लगी है।

पटवारी ने कहा विधानसभा में मामला उठाने और एनजीटी के लगातार निर्देश देने के बाद भी प्रदेश में अवैध खनन रुक नहीं रहा है ये चिंता की बात है। कोयला मंत्रालय की रिपोर्ट में भी मप्र में हो रहे अवैध खनन पर चौकाने वाले आंकड़े हैं। सरकार भले ही अवैध खनन रोकने के दावे पर दावे करें, लेकिन हकीकत यह है कि अवैध खनन साल दर साल बढ़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश में अवैध खनन माफिया ने लूट के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और इसमें मुख्यमंत्री के साथ-साथ वो अफसर भी शामिल हैं।

उन्होंने बहा कि कोल इंडिया की रिपोर्ट को आधार माने तो मध्यप्रदेश में 11 साल में करीब 78 लाख 26 हजार 863 क्यूबिक मीटर गौण खनिज और 356 हजार 778 क्यूबिक मीटर प्रमुख खनिज का अवैध खनन हुआ है। कोल मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में मप्र के अवैध खनन की जो तस्वीर प्रस्तुत की है उससे यही लगता है कि प्रदेश में संगठित तरीके से अवैध खनन हो रहा है। रेत और पत्थर के अवैध खनन के लिए कुख्यात ग्वालियर-चंबल अंचल हो या फिर मालवांचल या विंध्य या महाकौशल, हर क्षेत्र में वैध खनन की आड़ में अवैध खनन हो रहा है। मध्यप्रदेश में खदानों के लिए 406 पट्टे आवंटित हैं, लेकिन स्थिति यह है की हर साल अवैध खनन के करीब 14 हजार मामले सामने आ रहे हैं। अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, सीहोर, हरदा, खंडवा, बड़वानी, धार और झाबुआ सहित ऐसा कोई जिला नहीं है जहां पर रेत का उत्खनन न हो रहा हो।


मंत्रियों एवं रिश्तेदारों के नाम पर है खदानें
जीतू ने आरोप लगाया कि प्रदेश की 8000 खदानों में से 1200 खदानें महंगे खनिज की हैं। 70 प्रतिशत महंगे खनिज की खदानें भाजपा के नेताओं या उनके करीबियों के पास है।
भाजपा सांसद गणेश सिंह की पत्नी मोना सिंह के नाम बठियाकला में 3.764 हैक्टेयर चूना पत्थर की खदान। भाई एवं जिला पंचायत सदस्य उमेश प्रताप सिंह की रामपुर बघेलान में 103 हैक्टेयर में चूना-पत्थर खदान।
जिला पंचायत अध्यक्ष सुधा सिंह के नाम रामपुर बघेलान में 21 हेक्टेयर में लेट्राइट खदान।
मंत्री कुसुम सिंह महदेले के भाई आशुतोष महदेले की पुराना पन्ना में खदान है।
मंत्री संजय पाठक की कटनी-विजयराघवगढ़ में कई खदानें हैं।
मंत्री हर्ष सिंह के बेटे वीर सिंह के नाम से रामपुर बघेलान में और विक्रम सिंह के नाम से अमरपाटन में लेट्राइट खदान है।
पूर्व बसपा सांसद देवराज सिंह ने सांसद रहते लक्ष्मी स्टोन क्रेशर के नाम पर सुमेदा में 2.61 एकड़ का रकबा 2011 में आवंटित कराया था।
पूर्व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह की पत्नी नंदिता सिंह, बहू अंजू सिंह और भाई लोकेंद्र प्रताप सिंह के नाम खदानें हैं। भाई के नाम पवई क्षेत्र में खदानें हैं।
मांधाता विधायक लोकेंद्र सिंह तोमर के परिजनों के नाम से पुनासा में खदान है। 



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