मल्हार मीडिया।
आरएसएस के कार्यकर्ताओं पर केरल में हो रहे हमलों पर विवादित बयान देने वाने उज्जैन के संघ प्रचारक डॉ. कुंदन चंद्रावत को संघ ने पद से हटा दिया था। बावजूद इसके कांग्रेस लगातार संघ और भाजपा पर हमले कर रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने बयान जारी करके कहा है कि जब कुंदन संघ में थे ही नहीं तो उन्हें पद से हटाया कैसे गया।
अपने बयान में मिश्रा ने आगे कहा कि जिस संघ का कोई पंजीयन ही नहीं है और न ही कोई संविधान है ऐसे संघ में पदाधिकारी की नियुक्ति और निष्कासन एक मजाक है। जिसने कभी संघ की विधिवत सदस्यता ही नहीं ली उसे संघ से हटाया कैसे जा सकता है। उन्होंने संघ पर तंज कसते हुए आगे कहा कि जिस संघ की विचारधारा पर महात्मा गांधी की हत्या, जिसके प्रचारकों पर गुजरात के दंगों, आस्ट्रेलियन मिशनरी ग्राहम स्टेन्स की हत्या, मालेगांव, मक्की मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस, पूर्णा, परभणी, जालना, नांदेड और इंदौर के महू में हुए विभिन्न बम विस्फोटों में शामिल होने के आरोप हों, उसको एक सरकारी कर्मचारी कैसे ज्वाइन कर सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि डॉ. कुंदन मलेरिया विभाग में बतौर निरीक्षक काम करते हैं, ऐसे में एक सरकारी अधिकारी संघ में वाला एक सरकारी मुलाजिम उसमें शामिल होकर काम, किन सरकारी सेवा शर्तों के तहत क्यों, किसलिए और कैसे कर रहा है?
गौरतलब है कि केरल में लगातार हो रही आरआरएस — राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोगों की हत्या के विरोध में डॉ. कुंदन चंद्रावत ने एक सभा से ऐलान किया कि जो व्यक्ति केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का सिर काटकर लाएगा, उसे एक करोड़ का इनाम दिया जाएगा। कुंदन चंद्रावत ने विजयन को आरएसएस प्रचारक और कार्यकर्ताओं की हत्या को दोषी ठहराते हुये कहा कि वो क्या समझते हैं कि हिंदूओं के खून में वो जज्बा नहीं है। चंद्रावत के मुताबिक ऐसे गद्दार का सिर लाने पर मकान और संपत्ति उसके नाम कर देंगे।
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