मल्हार मीडिया।
मध्य प्रदेश में फिर बिजली महंगी हुई है। बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार को नया टैरिफ जारी किया। इसमें बिजली करीब 10 प्रतिशत महंगी हुई है। प्रदेश के 1 करोड़ 20 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अप्रैल से घरेलू बिजली की दरों में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार को वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बिजली का नया टैरिफ ऑर्डर जारी कर दिया।
आयोग ने टैरिफ के चारों स्लैब में इजाफा किया है। 0 से 50 यूनिट बिजली खपत करने पर अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 3.65 की जगह 3.85 रुपए देने होंगे। 300 यूनिट या उससे ज्यादा खपत करने वालों से प्रति यूनिट अब 6. 10 रुपए की बजाय 6.30 वसूले जाएंगे।
प्रदेश की बिजली वितरण से जुड़ी तीनों कंपनियों की ओर से मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी ने आयोग के सामने जनवरी में याचिका दायर की थी। इसमें घरेलू दायर याचिका में घरेलू बिजली दरों में 10.65 फीसदी बढ़ोत्तरी की जरूरत बताई थी। आयोग ने कंपनी की इस याचिका के मद्देनजर उपभोक्ताओं व आम लोगों से 2 मार्च तक आपत्ति व सुझाव बुलवाए थे। आयोग ने मार्च में जबलपुर, इंदौर और भोपाल में जन सुनवाई की थी। इस दौरान आईं आपत्तियों के बाद आयोग तैयारियों में जुट गया था।
लगातार तीसरे साल हुआ इजाफा
इस बार लगातार तीसरे साल दरों में इजाफा हुआ है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 10 और 2015-16 में बिजली दरों में 9.5 फीसदी इजाफा हुआ था।
पहली बार ग्रामीण क्षेत्र के अमीटरीकृत कनेक्शनों हेतु टैरिफ में पृथक श्रेणी बनाई गई है, जिससे उन्हें आंकलित खपत के आधार पर दिये जाने वाले देयकों की शिकायतों को समाप्त किया जा सके। अभी वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे अमीटरीकृत कनेक्शन, जिनका संयोजित भार 200 वॉट है, को रूपये 345 का देयक प्रतिमाह जारी हो रहा था, जो अब नई श्रेणी बनने पर रूपये 200 प्रतिमाह हो जावेगा। इसी प्रकार ग्रामीण अमीटरीकृत 200 से 300 वॉट तक के कनेक्शन, को भी रूपये 345 प्रतिमाह के स्थान पर केवल रूपये 300 प्रतिमाह का भुगतान करना होगा।
प्रदेश में 30 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 38 लाख है। 31 यूनिट से 50 यूनिट तक के खपत वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 10 लाख है। नियामक आयोग ने इस श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में 6.9 प्रतिशत वृद्धि की है। परन्तु राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि अतिरिक्त अनुदान देकर इन 48 लाख उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ने दिया जाये। इस प्रकार अनुसूचित जाति/जनजाति तथा 50 यूनिट तक बिजली का भुगतान करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी । 50 यूनिट से 300 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं पर 7 से 8 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी। 301 यूनिट से अधिक खपत वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 5 लाख है पर लगभग 3 प्रतिशत का अतिरिक्त भार आयेगा।
राज्य शासन ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में एक समान विद्युत दरें जारी रखने तथा कृषि उपभोक्ताओं को फ्लैट रेट विद्युत प्रदाय जारी रखने की अनुशंसा नियामक आयोग को की थी।
टैरिफ आदेश में कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि कृषि दरों का कोई अतिरिक्त भार किसानों पर न पड़े। फ्लैट रेट योजना जारी रखने के लिये पंप उपभोक्ताओं को पूर्ववत रू. 1400 प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष का भुगतान ही करना होगा। कृषि पम्पों के लिए विद्युत दरों में नियामक आयोग का वृद्धि का कोई भार किसानों पर नहीं पड़ेगा।
वर्तमान में राज्य शासन किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के विरूद्ध विद्युत वितरण कंपनियों को लगभग 7500 करोड़ रूपये की सब्सिडी दे रहा है। नये टैरिफ आदेश में कृषि पम्पों के लिए 13 प्रतिशत की टैरिफ वृद्धि के विरूद्ध लगभग 950 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सब्सिडी राज्य शासन विद्युत कंपनियों को प्रदान करेगा। इस प्रकार राज्य सरकार का कृषि सब्सिडी भार बढ़कर वर्ष में लगभग 8500 करोड रूपये हो जायेगा तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए जारी नये टैरिफ आदेश से किसानों पर कोई भार नहीं पड़ेगा।
उद्योग क्षेत्र की उच्च दाब बिजली दरों में लगभग 6.8 प्रतिशत की गई है। परन्तु उद्योग को बढ़ावा देने की दृष्टि से निम्नलिखित रियायतों का भी प्रावधान किया गया है:-
सभी नये उच्च दाब कनेक्शन औद्योगिक, गैर-औद्योगिक, शॉपिंग मॉल एवं पावर इन्टेंशिव उद्योग, जो एच.व्ही.-3 श्रेणी में होंगे, को उनकी पूर्ण खपत पर रूपये 1 प्रति यूनिट या 20 प्रतिशत, जो भी कम हो, की छूट ऊर्जा प्रभारों के लिये अभिलेखित खपत पर दी गई है।
एच.व्ही.-3 श्रेणी के सभी उच्च दाब उपभोक्ताओं (औद्योगिक, गैर-औद्योगिक, शॉपिंग मॉल एवं पावर इन्टेंशिव उद्योग) को इन्क्रीमेंटल खपत पर ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट।
कैप्टिव विद्युत संयंत्र के उद्योग बिजली वितरण कंपनियों से विद्युत क्रय करने के लिए आकर्षित हों इसके लिए उन्हें इन्क्रीमेंटल खपत पर रू. 2 प्रति यूनिट की छूट का प्रावधान किया गया है। यह छूट पांच वर्षों की अवधि के लिये लागू होगी।
रेलवे के उच्च दाब कनेक्शनों के लिये भी ऊर्जा प्रभारों में रूपये 2 प्रति यूनिट की छूट 5 वर्ष के लिए प्रदान की गई है। उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष रेलवे ने वितरण कंपनियों से विद्युत लेना बंद कर दिया जिससे कंपनियों को घाटा उठाना पड़ा। इस छूट से रेलवे को पुन: बिजली देना संभव हो सकेगा
ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा देने के लिए निम्न प्रावधान किये गये हैं:-
उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिये विद्युत देयक का ऑनलाईन भुगतान करने पर कुल देयक राशि पर 0.5 प्रतिशत की छूट - अधिकतम राशि रू. 1000 के अंतर्गत।
ऑनलाईन भुगतान को बढावा देने के लिए सभी निम्न दाब उपभोक्ताओं को ऑनलाईन भुगतान करने पर 0.5 प्रतिशत की छूट - न्यूनतम राशि रू. 5 तथा अधिकतम राशि रू. 20 के अंतर्गत तक लागू होगी।
घरेलू तथा गैर-घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं द्वारा प्री-पेड मीटर लेने पर ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली छूट 5 पैसे प्रति यूनिट से बढ़ाकर 20 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है।
इसके अलावा वृद्धावस्था आवास गृहों, डे-केयर सेंटर, रेसक्यू सेंटर तथा शासन एवं धर्मस्व न्यास द्वारा संचालित अनाथालयों को अब उच्च दाब श्रेणी 6.2 में शामिल कर लिया गया है ताकि उन्हें सस्ती बिजली मिल सके।
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