मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बैंकों से कहा है कि प्रदेश के साख-ऋण अनुपात को देखते हुये कृषि ऋण को और बढ़ाया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की आय को दोगुना करने का रोडमैप बनाया गया है। प्रदेश और प्रदेश के लोगों के जीवन को बदलने में बैंकर्स का महत्वपूर्ण योगदान है। गरीब, किसान, मजदूर और महिलाओं को ध्यान में रखते हुए बैंकर्स राज्य सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध संचालक श्री राजीव ऋषि भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से विकास कर रहा है। राज्य की विकास दर और कृषि विकास दर इसका उदाहरण है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर चालीस लाख हेक्टेयर की गई है। राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिले, इसके लिये भावान्तर भुगतान योजना लागू की गई है। प्रदेश में उद्यानिकी फसलों, पशुपालन, मछली पालन, कृषि वानिकी, रेशम उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों की आय कृषि से जुड़ी इन गतिविधियों से बढ़ेगी। राज्य सरकार के इन प्रयासों में बैंकों का सहयोग आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सूखे की संभावना को देखते हुये किसानों को राहत पहुँचाने के लिये योजना बनाई जा रही है, इसमें बैंकर्स मदद करें। मुद्रा ऋण योजना के हितग्राहियों का चयन ठीक से हो तथा योजना की मॉनीटरिंग की जाये। स्टेण्डअप योजना के लक्ष्य बढ़ाये जायें। प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बेहतर काम किया जा रहा है। बैंकर्स महिला स्व-सहायता समूहों की प्राथमिकता से मदद करें तथा उन्हें सशक्त और बहुउद्देशीय बनायें। बैंक आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में नयी शाखाएँ जनसंख्या के अनुपात की अपेक्षा दूरी को ध्यान में रखते हुये स्थापित की जाएं।
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