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मप्र - भावांतर योजना में किसानों को नगद भुगतान का दावा

राज्य            Nov 01, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्य प्रदेश में किसानों को वाजिब दाम दिलाने के मकसद से शुरू की गई भावांतर योजना की शुरुआत में सामने आई गड़बड़ियों के बाद अधिकारियों का दावा है कि किसानों को नगद भुगतान शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना की समीक्षा की। उन्होंने मंडियो में उपज की दर प्रदर्शित करने और खरीदी की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मंडियों में माहौल बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। किसानों को नगद भुगतान शुरू कर दिया गया है। उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मंडियों का दौरा कर किसानों की समस्याओं को तत्काल हल करने के निर्देश दिए हैं।

ज्ञात हो कि भावांतर भुगतान योजना के तहत समर्थन मूल्य से मंडी में उपज की खरीदी होने पर दोनों के अंतर की राशि सरकार किसान के खाते में जमा कराएगी। इस योजना के शुरू होते ही कारोबारियों ने फसलों के दाम काफी गिरा दिए थे। इससे कई जगह हंगामा भी हुआ था। इतना ही नहीं किसानों को नगद राशि का भी भुगतान नहीं किया गया था।

समीक्षा में बताया गया कि भावांतर योजना के बाद उड़द और मूंग की उपजों के वाजिब दाम किसानों को मिल रहे हैं। यह भी बताया गया कि भावान्तर योजना से न तो बाजार पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और न ही उपजों के भावों में कमी आई है। किसानों को भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं हो रहा है। मंडियों में शांति से व्यापार हो रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव बी़ पी़ सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह क़े क़े सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त पी़ सी़ मीणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल और एस़ क़े मिश्रा, मंडी आयुक्त फैज अहमद किदवई एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



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