मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में सूखे का संकट मंडराने के आसार नजर आने लगे हैं, क्योंकि राज्य के 51 जिलों में से 27 जिलों में अब तक सामान्य बारिश भी नहीं हुई है। आधिकारिक तौर पर सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष मानसून में एक जून से 28 अगस्त तक एक जिले में सामान्य से अधिक और 23 जिलों में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश के 27 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई है। अभी तक सामान्य औसत वर्षा 580.4 मिमी दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 726.4 मिमी है। रतलाम जिले में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
सामान्य वर्षा 23 जिलों में दर्ज की गई है, जिनमें जबलपुर, कटनी, पन्ना, रीवा, सीधी, सिंगरौली, सतना, इंदौर, धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, अलीराजपुर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, रायसेन और सिवनी शामिल है।
वहीं राज्य के 27 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से कम बारिश है। इसके चलते बालाघाट, छिंदवाड़ा, मंडला, डिंडोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, देवास, शाजापुर, मुरैना, श्योपुर, भिंड, ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा और बैतूल जिलों पर सूखे का संकट मंडराने लगा है, क्योंकि मानसून की बारिश के अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं।
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