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धान खरीदी और परिवहन में गड़बड़ी

राज्य, राष्ट्रीय            Feb 07, 2017


उमरिया से सुरेन्द्र त्रिपाठी।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में धान खरीदी एवं परिवहन में गफलत नजर आ रही है। खरीदी समाप्त होने के 22 दिन बाद 3000 बोरियां भेजी गई हैं और अभी परिवहन नहीं हो पाया है। वहीं नागरिक आपूर्ति के जिला प्रबंधक का कहना है कि समिति ने माँगा था और हमने दे दिया था।

गौरतलब है कि जिले में लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीदी हुई है। यहां 3 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था लेकिन उसके विरुद्ध 398747 क्विंटल धान की खरीदी हुई शासन के निर्देशानुसार 15 जनवरी को धान की खरीदी बंद हो गई और केन्द्रों में धान का भण्डार लगा था। जिले के सभी 28 केंद्र से आंकड़े ले लिए गए थे और किसानों को टोकन दे दिया गया था। राज्य सरकार से बात कर 20 जनवरी को एक घंटे के लिए साफ्टवेयर फिर से खोला गया और सारी खरीदी के आंकड़े फीड कर दिए गए। जिसमें तय किया गया कि उमरिया जिले में तीन लाख अन्ठान्वे हजार सात सौ सैतालिस क्विंटल की खरीदी हुई हालाँकि ये आंकड़े भी फर्जी लग रहे हैं।

इस मामले में जिले की भण्डारण एजेंसी मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड के शाखा प्रबंधक सुनील कुमार अग्रवाल का कहना है कि हमने एम पी स्टेट सिविल सप्लाईज के आदेशानुसार 6 फरवरी को 6 गठान अर्थात 3 हजार बोरियां कौड़िया समिति के लिए गई हैं और फरवरी माह में पहली जगह गया है। वहीं जब नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक मधु सूदन उपाध्याय से इस मामले में का कहना है कि जिले में कुल खरीदी तीन लाख अन्ठान्वे हजार सात सौ सैतालिस क्विंटल हुई और अभी तक 3 लाख 72 हजार 415 क्विंटल का परिवहन हो पाया है। खरीदी समाप्त होने के 22 दिन बाद बोरियां देने के मामले में उन्होंने बताया कि समिति ने माँगा हमने दे दिया वहीँ व्यापारियों के द्वारा धान बेचे जाने के नाम पर हँसने लगे कहे ऐसा नहीं है।

गौरतलब है कि जब खरीदी के सारे आंकड़े राज्य सरकार तक पहुँच गए तो ऐसा क्या मामला हुआ कि कौड़िया समिति को 3 हजार बोरियों की जरूरत फिर से पद गई और परिवहनकर्ता भी अभी तक पूरा परिवहन नहीं कर सका, यह जांच योग्य है।

 



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