उमरिया से सुरेंद्र त्रिपाठी।
बिहार में शराब बंदी का कानून लागू होने के बाद भले ही शराब दुकान बंद कर दी गई हों लेकिन बिहारियों को शराब की उपलब्धता में कोई कमी नहीं आई है और यह साबित होता है उमरिया जिले में मंहगी शराब के जखीरे के साथ पकड़े गए दो आरोपियों की घटना से। मध्यप्रदेश से शराब की तस्करी का मामला सामने आया है। उमरिया रेलवे स्टेशन में दो आरोपियों के पास से कोतवाली पुलिस ने 45 लीटर शराब जब्त की है यह शराब उमरिया की अंग्रेजी शराब दुकान से खरीदकर आरोपी मनीष रस्तोगी एवं हरी ओम रस्तोगी के द्वारा बिहार के छपरा ले जाई जा रही थी। जिनको मुखबिरों की सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। ऐसा बताया जा रहा है कि शराब की मात्रा ज्यादा थी लेकिन पुलिस पर इस मामले में लेनदेन कर कम मात्रा बताये जाने के आरोप लग रहे हें।
पकड़ी गई शराब का मूल्य पचास हजार से ज्यादा बताया जा रहा है। इसमें विदेशी शराब से महँगी अंग्रजी शराब भी शामिल है। हिडेन कैमरे से की गई रिकार्डिंग के मुताबिक आरोपी मनीष रस्तोगी वर्ष 2009 से शराब की तस्करी में शामिल है। हालाँकि पुलिस इस मामले में पुलिस की मिलीभगत की बातें भी चर्चा में है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने भारी मात्रा में शराब पकड़ी थी मगर आरोपियों से लेन—देन कर कम शराब की जब्ती बनाई गई है। हालाँकि पुलिस ने मीडिया के सामने जप्त की गई शराब को नहीं दिखाया, वहीं लोगों का कहना है कि नगर के ही ढाबा व्यवसायी जम्मू सिंधी से इन दोनों आरोपियों के तार जुड़े हैं, जो कि ढाबा के आड़ में अवैध शराब का धंधा भी करता है।
आरोपी मनीष रस्तोगी ने शराब पार्टी से मना किया है। इस मामले में जब टी आई उमरिया हेमंत विष्णु बर्वे से बात की गई तो उनकी तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आ पाया कि शराब कहाँ जा रही थी, कटनी और बिहार दोनों जगह बताये साथ ही कहे कि कार्यवाही की जा रही है।
गौरतलब है कि जिले में खुले आम अवैध शराब का धंधा चल रहा है और जिले के आबकारी और पुलिस के अमले को नजर नहीं आ रहा है, यदि अवैध शराब पर प्रतिबन्ध लगाया जाय तो अपराधों में भी कमी आयेगी |
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